विकल्प के प्रकार

(9) प्रश्न–भ्रमपूर्ण तथा व्याकरण की दृष्टि से त्रुटिपूर्ण नहीं होने चाहिए।
विधान सभा, उत्तराखण्ड
अल्पसूचित प्रश्न का तात्पर्य ऐसे प्रश्न से है जो अविलम्बनीय लोक महत्व के विषय से सम्बन्धित हो। इसका विभेद दो तारांक लगाकर किया जाता है। दिये हुए उत्तर से उत्पन्न अनुपूरक प्रश्न उसके बारे में माननीय अध्यक्ष, विधान सभा की अनुज्ञा से किये जा सकते हैं। जब कोई सदस्य अल्पसूचित प्रश्न पूछना चाहते है तो वह ऐसे प्रश्न की पूरे तीन दिन की सूचना लिखित रूप में सचिव को देते हैं। सचिव साधारणतया प्रश्न की, अल्पसूचित प्रश्न के रूप में, ग्राह्यता पर उसकी प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर माननीय अध्यक्ष की आज्ञा प्राप्त करते हैं।
अध्यक्ष की आज्ञा प्राप्त हो जाने के उपरान्त प्रश्न की एक प्रतिलिपि सम्बन्धित मंत्री को इस निवेदन के साथ भेज दी जाती है कि वह सचिव को सूचित करें कि क्या वह प्रश्न का उत्तर अल्पसूचित प्रश्न के रूप में देने की स्थिति में हैं।
यदि मंत्री अल्पसूचना पर उत्तर देने के लिय सहमत हांे तो वह प्रश्न तत्काल
या तदुपरान्त इतने शीघ्र कार्यसूची में रख दिया जाता है जैसे कि अध्यक्ष निर्देश देंः
परन्तु किसी एक दिन विकल्प के प्रकार की कार्यसूची में 2 से अधिक अल्पसूचित प्रश्न नही रखे जाते हैं।
यदि सम्बद्ध मंत्री अल्प सूचना पर उत्तर देने की स्थिति में न हों और अध्यक्ष की यह राय हो कि वह पर्याप्त लोक महत्व का है तो वे निदेश दे सकते हैं कि उसको उस दिन की प्रश्नसूची में प्राथमिकता देकर पृथक नत्थी के रूप में रखा जाये जिस दिन नियम के अनुसार तारांकित प्रश्न के रूप में उत्तर के लिये उसकी बारी हैः
परन्तु ऐसे प्राथमिकता प्राप्त प्रश्नों की संख्या उस दिन की कार्य सूची में तीन से अधिक नहीं होती है और एक सदस्य का एक से अधिक प्रश्न नही रखा जाता है।
जब दो या दो से अधिक सदस्य एक ही विषय पर अल्पसूचित प्रश्न देते हैं और एक सदस्य का प्रश्न अल्पसूचना पर उत्तर के लिये ग्राह्य हो जाता है, तो अन्य सदस्यों के नाम भी उस विकल्प के प्रकार सदस्य के नाम के साथ रख दिये जाते हैं, जिसका प्रश्न उत्तर के लिये ग्राह्य कर लिया गया हो।
परन्तु अध्यक्ष यह निदेश दे सकते हैं कि सब सूचनाओं को एक ही सूचना में समेकित कर दिया जाय यदि अनकी राय में एक ही स्वयंपूर्ण ऐसा प्रश्न तैयार करना वांछनीय हो, जिनमें सदस्यों द्वारा उठायी गयी सब महत्वपूर्ण बातें आ जायें और तब मंत्री उसमें समेकित प्रश्न का उत्तर देते हैः
किन्तु समेकित प्रश्न की अवस्था में सभी संबंधित सदस्यों के नाम साथ-साथ दिये जा सकते हैं और उनकी सूचना की प्राथमिकता के क्रम से प्रश्न के सामने दिखाये जा सकते हैं।
विकल्प के प्रकार
Que : 57. आदर्श प्रश्न पत्र-निर्माण हेतु आवश्यक पदों का वर्णन कीजिए।
Answer: 1. प्रश्न–पत्र डिजायन विकल्प के प्रकार का निर्माण– पहले इकाई जाँच–पत्र की रूपरेखा बनाना आवश्यक है जिसमें निम्न पक्षों का ध्यान रखा जाना चाहिए–
(i) शिक्षण उद्देश्यों का अंक भार– इकाई हेतु पूर्व निर्धारित विशिष्ट उद्देश्यों में जिन उद्देश्यों की उपलब्धि की जाँच करना है उन्हें प्रश्न–पत्र के पूर्णांक में से अंक भार निश्चित करना चाहिए। छात्रों में व्यवहार परिवर्तन लाने के लिए (ज्ञान, अवबोध, ज्ञानोपयोग तथा कौशल) पर अंक भार दिया जाना चाहिए।
यहाँ शिक्षण प्रशिक्षण (प्रथम वर्ष) गणित शिक्षण हेतु प्रश्न–पत्र बनाने के लिए नमूनार्थ लिया गया है जिसमें कुल अंक 75 और प्रश्न 33 का निर्धारण किया गया है।
(i) प्रश्नों के प्रकार पर अंक भार– प्रश्न–पत्र में सभी प्रकरणों का समावेश हो इस दृष्टि से प्रश्नों की संख्या इस प्रकार निर्धारित करनी होती है कि निबंधात्मक प्रश्नों की संख्याकम हो तथा लघु उत्तरात्मक, अति–लघु उत्तरात्मक एवं वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पी) प्रश्नों की संख्या आवश्यकतानुसार अधिक हो। वस्तुनिष्ठ तथा अति–लघु उत्तरात्मक प्रश्नों को प्रश्न–पत्र में भाग (अ) एवं लघु–उत्तरात्मक, निबंधात्मक प्रश्नों को भाग (ब) में स्थान दिया जाता है।
विकल्प के प्रकार
More than One Answer Typeएक से अधिक उत्तर प्रकार के प्रश्नFind the value of ‘a’ and ‘b’ and choose the correct option.‘a’ व ‘b’ के मान ज्ञात कीजिए तथा सही विकल्प का चयन कीजिए।
#3 इंश्योरेंस पालिसी से लोन (Loan against Insurance Policy)
अगर आपने पारंपरिक जीवन बीमा प्लान लिया है, तो आप उस पालिसी की सहायता से भी लोन ले सकते हैं| ध्यान दें यह लोन आपको विकल्प के प्रकार टर्म प्लान और यूलिप (ULIP) पर नहीं मिलेगा| केवल ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस प्लान (पारंपरिक जीवन बीमा प्लान) पर ही मिलेगा|
क्योंकि आप अपनी पालिसी से ही लोन लें रहे हैं, आपको लोन आसानी से मिल जाना चाहिए| मैंने एक दूसरी पोस्ट में चर्चा करी है की कैसे आप अपनी एलआईसी पालिसी से लोन ले सकते हैं|
#4 गोल्ड लोन (Gold Loan)
अगर आप लोन की आवश्यकता है और घर में सोने के आभूषण हैं, तो आप उन सोने के आभूषण को गिरवी रख कर लोन ले सकते हैं| आभूषण में सोने के मूल्य के 60-75% मूल्य का आपको लोन मी जाएगा|
पर ध्यान दें गोल्ड लोन कम अवधि के होते हैं| अगर आप लोन का भुगतान नहीं कर पाते है, तो बैंक या गोल्ड लोन कंपनी आपके आभूषण को बेच कर अपना लोन वसूल लेगा|
गोल्ड लोन के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए इस पोस्ट को पढ़ें|
#5 प्रॉपर्टी लोन (Property Loan)
आपके पास कोई मकान या प्रॉपर्टी है, उसको गिरवी रख कर आप बैंक से लोन ले सकते हैं| पर ध्यान रखें, अगर लोन का भुगतान नहीं कर पाए, तो बैंक आपकी प्रॉपर्टी बेच सकता है|
प्रॉपर्टी लोन के बारे में पूरी जानकारी के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं|
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