भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी

Gold Price Today: सोने चांदी के दाम ने फिर छुआ आसमान, जाने अपने शहर में 10 ग्राम का भाव
दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और मुंबई में आज सोने के रेट में बढ़ोतरी दर्ज कराई गई. वहीं दिल्ली में 22 कैरेट के 10 ग्राम सोने के भाव 10 रुपये पर टिके हुए हैं। रुपये की गिरावट के साथ 48,800। 100 और 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 53,170 रुपए की गिरावट के साथ 53,170 पर है।
Gold Price Today 20 November 2022 : दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और मुंबई में आज सोने के रेट में बढ़ोतरी दर्ज कराई गई. वहीं दिल्ली में 22 कैरेट के 10 ग्राम सोने के भाव 10 रुपये पर टिके हुए हैं। रुपये की गिरावट के साथ 48,800। 100 और 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 53,170 रुपए की गिरावट के साथ 53,170 पर है। 110. चेन्नई में प्रति 10 ग्राम 22 कैरेट सोना 49,260 रुपए की गिरावट के साथ 49,260 रुपए पर है।
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260 और 24 कैरेट के सोने की दर रु। 53,730 रुपये की गिरावट के साथ। 280. कोलकाता में प्रति 10 ग्राम 22 कैरेट सोने का रेट 10 रुपए है। 48,600 और 24 कैरेट के 10 ग्राम की दर रु 53,120।
मुंबई में प्रति 10 ग्राम 22 कैरेट सोने का भाव 10 रुपये रहा है। 48,600 और रु। 53,120 प्रति 10 ग्राम 24 कैरेट। चांदी के रेट 70 रुपए पर बंद हुए हैं। कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में 60,900 रुपये और चेन्नई में चांदी का रेट 60,900 रुपये है 67,500।
यहां बताई गई सोने और चांदी की दरें सुबह 8 बजे हैं और हर दिन उतार-चढ़ाव जारी है। सर्राफा बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की दर में उतार-चढ़ाव के कई कारण हैं, जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुद्रा की कीमतों में बदलाव, मुद्रास्फीति, केंद्रीय बैंकों में सोने के भंडार, उनकी ब्याज दरें, आभूषण बाजार, भौगोलिक तनाव, व्यापार युद्ध और कई अन्य। कहा जाता है कि कारक सोने की दर को प्रभावित करते हैं। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि के संकेत के कारण सोने की दरें घट रही हैं।
Cryptocurrency क्या है, सरकार सभी private क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पेश करेगी
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने के लिए तैयार में है. सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आ रही है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है. केंद्र सरकार ने 23 नवंबर 2021 को क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा कर दी. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आ रही है.
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने के लिए तैयार में है. लोकसभा की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने वाला विधेयक अगले सप्ताह से शुरू होने वाले सत्र में संसद में लाए जाने वाले भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी 26 कानूनों में से एक है. भारत में वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई विनियमन नहीं है.
Govt to introduce 'The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021' in winter session of Parliament
Bill seeks to create a facilitative framework for creation of official digital currency to be issued by RBI & ban all private cryptocurrencies in India pic.twitter.com/yeaLfuCiBs
— ANI (@ANI) November 23, 2021सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी
सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' लाएगी. क्रिप्टोकरेंसी तकनीक के इस्तेमाल में राहत देने के लिए ही सरकार इस बिल में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से सरकारी डिजिटल करेंसी चलाने के लिए फ्रेमवर्क का प्रावधान रखेगी.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा
इस बिल को लेकर लोकसभा बुलेटिन में सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हुई थी जिसमें पाबंदी की बजाए नियमन का सुझाव दिया गया था.
डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत रिजर्व बैंक द्वारा जारी इस डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव नहीं होगा. यह डिजिटल करेंसी देश की अर्थव्यवस्था में सर्कुलेट हो रही करेंसी का ही हिस्सा होगी. यही नहीं, इसकी कैश के साथ अदला-बदली भी की जा सकेगी. गौरतलब है कि सिस्टम में करेंसी के प्रसार पर रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहता है. जब अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है तो ज्यादा करेंसी की जरूरत होती है.
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता रिजर्व बैंक के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि देश में करेंसी के प्रसार पर उसका ही नियंत्रण रहता है. यह तो ऐसी करेंसी है जिस पर रिजर्व बैंक तो क्या किसी सरकार का भी नियंत्रण नहीं है. इसलिए सरकार इस पर अंकुश लगाते हुए डिजिटल करेंसी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है.
इस बिल का उद्देश्य
इस बिल का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना है. आरबीआई ने साल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को बैन कर दिया गया था.
इस बिल के तहत ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी ने लगभग दो साल बाद इसको लेकर कानून बनाने की बात कही थी. इस बिल के जरिए सरकार सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करना चाहती है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है. इसको इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है. गौरतलब है कि देश में बड़े पैमाने पर लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इन करेंसीज में काफी उतार-चढ़ाव होता है.
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Union Budget 2022-23: भारतीय रिजर्व बैंक 2022-23 से जारी करेगा डिजिटल रुपी, जानिए क्या है डिजिटल रूपी या डिजिटल करेंसी
Union Budget 2022-23: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण (budget 2022) में घोषणा की है कि सरकार बहुत जल्द डिजिटल रुपी जारी करेगी. यह इकोनॉमी को बूस्ट अप करने में मददगार होगा. उन्होंने कहा कि सरकार यह कदम ब्लॉकचेन और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल करके करेगी. डिजिटल रुपी भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से वित्तीय वर्ष 2022-23 से जारी किया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल अर्थव्यवस्था को व्यापक रूप से बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल करेंसी से और अधिक दक्ष और किफायती करेंसी प्रबंधन प्रणाली का निर्माण होगा। साथ ही उन्होंने देश में निवेश तथा ऋण उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अन्य पहलों का भी प्रस्ताव रखा।
क्या होती है क्रिप्टो करेंसी (what is crypto Currency)
क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी करेंसी है जिसे हम छू या देख नहीं सकते यानी ये डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है जिसे ऑनलाइन वॉलेट में ही रखा जा सकता है. ये फिजिकल मोड में नहीं होती लेकिन एक डिजिटल कॉइन के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में रखी जा सकती है.आरबीआई की डिजिटल करेंसी सरकारी रेगुलेटरी संस्था द्वारा सत्यापित होगी. देश में लेनदेन के लिए कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त होगी.
जरुरी जानकारी | सरकार, रिजर्व बैंक की वजह से वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो में गिरावट के असर से अछूता रहा भारत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आयी बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है, वहीं भारत में इसका ख़ास असर नहीं हुआ है। इसका श्रेय सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सतर्क रुख को जाता है।
नयी दिल्ली, 14 नवंबर विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आयी बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है, वहीं भारत में इसका ख़ास असर नहीं हुआ है। इसका श्रेय सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सतर्क रुख को जाता है।
आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है।
वहीं सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए कर का रास्ता चुना है।
क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब डॉलर था, जिसका कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब डॉलर से भी कम रह गया है।
हालांकि, भारतीय निवेशक इससे काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार लोगों द्वारा बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है।
भारत में आरबीआई पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का विरोध कर रहा है, जबकि सरकार शुरू में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को विनियमित करने का विचार कर रही थी।
हालांकि, सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्चुअल मुद्राओं के संबंध में वैश्विक सहमति की आवश्यकता है क्योंकि ये सीमाहीन हैं और इसमें शामिल जोखिम बहुत अधिक हैं।
आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली से बचकर निकल जाने के लिए विकसित किया गया है और यह उनके साथ सावधानी बरतने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए।
उद्योग का अनुमान है कि भारतीय निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश केवल तीन प्रतिशत है।
वैश्विक क्रिप्टो बाजार में गिरावट के बावजूद, भारत की भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी क्रिप्टोकरेंसी कंपनियां अभी तक किसी जल्दबाजी में नहीं हैं। भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का परिचालन जारी है।
सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ केंद्रीय बैंक के सतर्क रुख की वजह से भारत में क्रिप्टो का बड़ा बाजार नहीं खड़ा हो सका। अगर भारतीय संस्थाएं क्रिप्टो में शामिल हो गई होतीं, तो देश में कई लोगों के पैसे डूब जाते।
एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह के अनुसार, आरबीआई और सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देने के लिए उठाए गए कदम इस समय उचित हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को ‘स्पष्ट खतरा’ बताया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया भारतीय रिज़र्व बैंक और क्रिप्टो करेंसी गया है)
indiar remained untouched by the impact of the decline in crypto globally due to government reserve bank