क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द

क्रिप्टो करेंसी क्या है पैसे कैसे कमाए | Crypto Currency Kya Hai
CryptoCurrency Kya Hai In Hindi: इंटरनेट के माध्यम से आपने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में तो आपने सुना ही होगा. पर क्या आप जानते हैं Cryptocurrency क्या है और काम कैसे करती है, क्रिप्टोकरेंसी का अबिष्कार कब हुआ, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें, क्रिप्टोकरेंसी से पैसे कैसे कमाए, क्रिप्टोकरेंसी के फायदे व नुकसान क्या हैं तथा भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा.
अगर आपके मन में भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इसी प्रकार के सवाल आते रहते हैं तो आज के इस लेख के द्वारा हम आपके सवालों का जवाब देने की कोशिस करेंगे.
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द जिसे हम छु नहीं सकते हैं, अपने पास नहीं रख सकते या फिर बैंक या तिजोरियों में छुपा नहीं सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को हम अपने डिजिटल Wallet में रख सकते हैं और ऑनलाइन Transaction के साथ – साथ क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग भी कर सकते हैं .
कई विशेषज्ञ कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य में स्थाई तौर पर उपयोग में लाया जाएगा, और कई कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई भविष्य नहीं है. इसी कारण से दुनिया के कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी को illegal माना जाता है तो कई सारे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को Legal कर दिया गया है. भारत भी उन्हीं देशों की सूची में है जहाँ क्रिप्टोकरेंसी लीगल है.
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में विस्तृत जानकरी प्राप्त करने के लिए इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. तो चलिए शुरू करते हैं बिना किसी देरी के आज के इस लेख – क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी.
करेंसी क्या है (What is Currency in Hindi)
करेंसी एक ऐसी धन – प्रणाली होती है जिसे किसी देश के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है और उसकी कोई Value होती है. करेंसी को उस देश के लोगों द्वारा धन के रूप में प्रयोग किया जाता है, लोग क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द करेंसी के इस्तेमाल से वस्तुएं खरीद सकते हैं.
Currency को हिंदी में मुद्रा कहा जाता है. आजकल लगभग सभी देशों के पास खुद की करेंसी होती है जैसे भारत की करेंसी रुपया है और अमेरिका की डॉलर इसी प्रकार अन्य देशों की भी अलग – अलग करेंसी होती है.
करेंसी को कागज़ या धातु के टुकड़ों (क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द सिक्कों) पर प्रिंट किया जाता है. करेंसी भौतिक रूप में होती है, मतलब कि हम इसे छु सकते हैं, अपने पास रख सकते हैं. इसलिए करेंसी को फिजिकल करेंसी भी कहते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी इससे बहुत अलग है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है जो कंप्यूटर के अल्गोरिथम पर बनी होती है. यह एक डिजिटल asset है जिसके द्वारा ऑनलाइन चीजों की खरीददारी का काम कर सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक स्वतंत्र मुद्रा है, Decentralized होने के कारण इसका मालिक कोई नहीं है और न ही दुनिया के किसी भी देश के सरकार का अधिकार क्रिप्टोकरेंसी में है.
क्रिप्टोकरेंसी Peer to Peer इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द करती है जिसके द्वारा हम इंटरनेट के माध्यम से Service या Good को खरीदते हैं. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने के लिए किसी बैंक या सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है.
Digital Form में होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी को छु नहीं सकते हैं और ना ही हम इसे भौतिक रूप में अपने पास रख सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी के द्वारा लोग ऑनलाइन खरीदकारी करने के साथ – साथ क्रिप्टो में ट्रेड करने का काम सकते हैं.
तकनीकी रूप से कहें तो क्रिप्टोकरेंसी Blockchain Technology पर आधारित एक वर्चुअल करेंसी है जो कि Cryptography के द्वारा सुरक्षित है. Cryptocurrency को Digital Currency, Virtual Currency या Electronic Currency के नामों से भी जाना जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास (History of Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टोकरेंसी की शुरुवात 2009 में हुई थी जिसका नाम बिटकॉइन था. जापान के इंजिनियर सतोषी नाकमोतो ने बिटकॉइन को बनाया था. शुरुवात में यह इतना ज्यादा Popular नहीं था, लेकिन धीरे – धीरे क्रिप्टोकरेंसी के रेट बहुत अधिक बढ़ने लगे और देखते ही देखते क्रिप्टोकरेंसी बहुत अधिक महंगी हो गयी जिसके बाद से लोगों का ध्यान क्रिप्टोकरेंसी पर गया और लोग इसमें निवेश करने लगे.
2009 में क्रिप्टोकरेंसी की Value 1 रूपये थी लेकिन आज 45 लाख 1 बिटकॉइन की Value है. शुरुवात में क्रिप्टोकरेंसी को illegal कर दिया था लेकिन धीरे – धीरे क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखकर कुछ देशों ने इसे Legal कर दिया. अभी भी बहुत सारे ऐसे देश हैं जहाँ क्रिप्टोकरेंसी illegal है. भारत की बात करें तो यहाँ क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से Legal है
कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम
वैसे तो सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं पर इनमें से कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी जो अच्छा Perform कर रहे हैं उनके नाम निम्न हैं –
- बिटकॉइन (Bitcoin)
- इथेरयम (Ethereum)
- रेडकॉइन (Redcoin)
- सोलाना (Solana)
- रिप्पल (Ripple)
- लाइटकॉइन (Litecoin)
- मोनेरो (Monero)
- तेथेर (Tether)
- डोज़ कॉइन (Dogecoin)
- शीबा एनु (Shiba Coin)
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे (Advantage of Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टोकरेंसी के अनेक सारे फायदे हैं जिनमें से कुछ के बारे में हमने लेख में बताया है –
- क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, इसमें fraud होने की संभावना बहुत कम है.
- क्रिप्टोकरेंसी फिजिकल फॉर्म में उपलब्ध नहीं रहती है, इसे हम तिजोरी या बैंक में नहीं रख सकते हैं, जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी के चोरी होने, कट – फट जाने या खो जाने की संभावना नहीं होती है.
- क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करना बहुत आसान है. आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं.
- क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसकी कीमतों में तेजी से उछाल आते हैं.
- क्रिप्टोकरेंसी को किसी बैंक, सरकार या देश के द्वारा संचालित नहीं किया जाता है. यह एक स्वतंत्र करेंसी है.
- क्रिप्टोकरेंसी बहुत Secure है क्योंकि इसमें Cryptography Algorithm का इस्तेमाल किया गया है.
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान (Disadvantage of Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टोकरेंसी के अनेक सारे फायदे होने के कारण इसके कुछ नुकसान भी हैं जो नीचे बताये गए हैं –
क्रिप्टो पर भारी-भरकम टैक्स: क्रिप्टोकरेंसी से हुई कमाई पर सरकार कैसे टैक्स वसूलेगी, समझिए आसान भाषा में
क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर अब 30% टैक्स देना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन करने पर 1% का TDS भी लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने साफ किया कि RBI की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा, जबकि बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एसेट माना क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्री ने क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'वर्चुअल डिजिटल एसेट में ट्रांजैक्शन में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनके चलते वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लिए एक खास टैक्स सिस्टम जरूरी हो गया है। अब किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर के जरिए होने वाली आय पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा।'
वहीं उन्होंने बताया कि वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर में अगर कोई नुकसान होता है तो इसे दूसरे किसी अन्य सोर्स से हुई कमाई के साथ सेट ऑफ नहीं किया जा सकेगा।
ऐसे में आपके मन भी सवाल होगा कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स कैसे लगेगा? तो चलिए इसे आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं। इसके लिए हमने बात की टैक्स एक्सपर्ट कार्तिक गुप्ता से:
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले देश में करोड़ों लोग हैं। वे कैसे टैक्स के दायरे में आएंगे या सरकार उनकी पहचान कैसे कर पाएगी? और भी सवाल हैं, जो निवेशकों के मन में हैं। उनके जवाब दे क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द रहे हैं बैंक बाजार डॉट कॉम के CEO आदिल शेट्टी.
1. क्रिप्टो पर TDS कैसे कटेगा?
क्रिप्टो करंसी की दुनिया में इसे लागू करना जटिल होगा, क्योंकि ट्रेडिंग के लिए भी अभी भारत में TDS नहीं कटता। इसकी पूरी गाइडलाइन का इंतजार करना चाहिए।
2. क्रिप्टो खरीदने-बेचने वालों की पहचान नहीं होती, तो फिर TDS किससे वसूला जाएगा?
भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज KYC कर रहे हैं। सरकार चाहे तो इससे खरीदार की पहचान कर सकती है। हालांकि, विदेश की क्रिप्टो एक्सचेंज से खरीद करने वालों की पहचान करना अभी मुश्किल दिख रहा है।
3. क्या ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए क्रिप्टो खरीदने वालों की पहचान संभव है?
नहीं। इसीलिए उम्मीद है कि ब्लॉकचेन का भी KYC होने लगेगा।
4. क्रिप्टो का रेगुलेशन कैसे संभव है? रेगुलेटरी अथॉरिटी कौन होगी?
यह अभी क्लियर नहीं है कि अथॉरिटी कौन होगी या रेगुलेशन के नियम क्या होंगे। रेगुलेशन का फ्रेमवर्क सरकार को इस उद्योग के साथ मिलकर निवेशकों की जरूरतों को ध्यान रखते हुए बनाना होगा। सरकार ने टैक्स लगाकर अभी सिर्फ पहला कदम उठाया है। आगे रास्ते धीरे-धीरे खुलते जाएंगे। इस मामले में कई ग्रे एरिया हैं, जिन्हें लेकर सरकार को गाइडलाइन तैयारी करनी है। उसके बाद ही स्थिति साफ हो सकती है।
5. क्या देश में कोई सरकारी नियंत्रण वाली क्रिप्टो एक्सचेंज बन सकती है?
सरकार ने भारतीय डिजिटल रुपए की घोषणा की है। यह भी क्रिप्टो की तरह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए ही चलेगा। फिर भी इससे क्रिप्टो में निवेशकों की सुरक्षा बढ़ेगी।
6. भारतीयों के 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा क्रिप्टो में लग चुके हैं, क्या वे लोग कभी ट्रैक हो पाएंगे?
KYC के जरिए निवेश किया होगा तो ट्रेस किए जा सकेंगे।
क्रिप्टो करेंसी क्या है पैसे कैसे कमाए | Crypto Currency Kya Hai
CryptoCurrency Kya Hai In Hindi: इंटरनेट के माध्यम से आपने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में तो आपने सुना ही होगा. पर क्या आप जानते हैं Cryptocurrency क्या है और काम कैसे करती है, क्रिप्टोकरेंसी का अबिष्कार कब हुआ, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें, क्रिप्टोकरेंसी से पैसे कैसे कमाए, क्रिप्टोकरेंसी के फायदे व नुकसान क्या हैं तथा भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा.
अगर आपके मन में भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इसी प्रकार के सवाल आते रहते हैं तो आज के इस लेख के द्वारा हम आपके सवालों का जवाब देने की कोशिस करेंगे.
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे हम छु नहीं सकते हैं, अपने पास नहीं रख सकते या फिर बैंक या तिजोरियों में छुपा नहीं सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को हम अपने डिजिटल Wallet में रख सकते हैं और ऑनलाइन Transaction के साथ – साथ क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग भी कर सकते हैं .
कई विशेषज्ञ कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य में स्थाई तौर पर उपयोग में लाया जाएगा, और कई कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई भविष्य नहीं है. इसी कारण से दुनिया के कई देशों में क्रिप्टोकरेंसी को illegal माना जाता है तो कई सारे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को Legal कर दिया गया है. भारत भी उन्हीं देशों की सूची में है जहाँ क्रिप्टोकरेंसी लीगल है.
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में विस्तृत जानकरी प्राप्त करने के लिए इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. तो चलिए शुरू करते हैं बिना किसी देरी के आज के इस लेख – क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी.
करेंसी क्या है (What is Currency in Hindi)
करेंसी एक ऐसी धन – प्रणाली होती है जिसे किसी देश के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है और उसकी कोई Value होती है. करेंसी को उस देश के लोगों द्वारा धन के रूप में प्रयोग किया जाता है, लोग करेंसी के इस्तेमाल से वस्तुएं खरीद सकते हैं.
Currency को हिंदी में मुद्रा कहा जाता है. आजकल लगभग सभी देशों के पास खुद की करेंसी होती है जैसे भारत की करेंसी रुपया है और अमेरिका की डॉलर इसी प्रकार अन्य देशों की भी अलग – अलग करेंसी होती है.
करेंसी को कागज़ या धातु के टुकड़ों (सिक्कों) पर प्रिंट किया जाता है. करेंसी भौतिक रूप में होती है, मतलब कि हम इसे छु सकते हैं, अपने पास रख सकते हैं. इसलिए करेंसी को फिजिकल करेंसी भी कहते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी इससे बहुत अलग है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है जो कंप्यूटर के अल्गोरिथम पर बनी होती है. यह एक डिजिटल asset है जिसके द्वारा ऑनलाइन चीजों की खरीददारी का क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द काम कर सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक स्वतंत्र मुद्रा है, Decentralized होने के कारण इसका मालिक कोई नहीं है और न ही दुनिया के किसी भी देश के सरकार क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द का अधिकार क्रिप्टोकरेंसी में है.
क्रिप्टोकरेंसी Peer to Peer इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य करती है जिसके द्वारा हम इंटरनेट के माध्यम से Service या Good को खरीदते हैं. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने के लिए किसी बैंक या सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है.
Digital Form में होने के कारण क्रिप्टोकरेंसी को छु नहीं सकते हैं और ना ही हम इसे भौतिक रूप में अपने पास रख सकते हैं. क्रिप्टोकरेंसी के द्वारा लोग ऑनलाइन खरीदकारी करने के साथ – साथ क्रिप्टो में ट्रेड करने का काम सकते हैं.
तकनीकी रूप से कहें तो क्रिप्टोकरेंसी Blockchain Technology पर आधारित एक वर्चुअल करेंसी है जो कि Cryptography के द्वारा सुरक्षित है. Cryptocurrency को Digital Currency, Virtual Currency या Electronic Currency के नामों से भी जाना जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास (History of Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टोकरेंसी की शुरुवात 2009 में हुई थी जिसका नाम बिटकॉइन था. जापान के इंजिनियर सतोषी नाकमोतो ने बिटकॉइन को बनाया था. शुरुवात में यह इतना ज्यादा Popular नहीं था, लेकिन धीरे – धीरे क्रिप्टोकरेंसी के रेट बहुत अधिक बढ़ने लगे और देखते ही देखते क्रिप्टोकरेंसी बहुत अधिक महंगी हो गयी जिसके बाद से लोगों का ध्यान क्रिप्टोकरेंसी पर गया और लोग इसमें निवेश करने लगे.
2009 में क्रिप्टोकरेंसी की Value 1 रूपये थी लेकिन आज 45 लाख 1 बिटकॉइन की Value है. शुरुवात में क्रिप्टोकरेंसी को illegal कर दिया था लेकिन धीरे – धीरे क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखकर कुछ देशों ने इसे Legal कर दिया. अभी भी बहुत सारे ऐसे देश हैं जहाँ क्रिप्टोकरेंसी illegal है. भारत की बात करें तो यहाँ क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से Legal है
कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी के नाम
वैसे तो सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं पर इनमें से कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी जो अच्छा Perform कर रहे हैं उनके नाम निम्न हैं –
- बिटकॉइन (Bitcoin)
- इथेरयम (Ethereum)
- रेडकॉइन (Redcoin)
- सोलाना (Solana)
- रिप्पल (Ripple)
- लाइटकॉइन (Litecoin)
- मोनेरो (Monero)
- तेथेर (Tether)
- डोज़ कॉइन (Dogecoin)
- शीबा एनु (Shiba Coin)
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे (Advantage of Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टोकरेंसी के अनेक सारे फायदे हैं जिनमें से कुछ के बारे में हमने लेख में बताया है –
- क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, इसमें fraud होने की संभावना बहुत कम है.
- क्रिप्टोकरेंसी फिजिकल फॉर्म में उपलब्ध नहीं रहती है, इसे हम तिजोरी या बैंक में नहीं रख सकते हैं, जिसके कारण क्रिप्टोकरेंसी के चोरी होने, कट – फट जाने या खो जाने की संभावना नहीं होती है.
- क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करना बहुत आसान है. आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं.
- क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द करना अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसकी कीमतों में तेजी से उछाल आते हैं.
- क्रिप्टोकरेंसी को किसी बैंक, सरकार या देश के द्वारा संचालित नहीं किया जाता है. यह एक स्वतंत्र करेंसी है.
- क्रिप्टोकरेंसी बहुत Secure है क्योंकि इसमें Cryptography Algorithm का इस्तेमाल किया गया है.
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान (Disadvantage of Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टोकरेंसी के अनेक सारे फायदे होने के कारण इसके कुछ नुकसान भी हैं जो नीचे बताये गए हैं –
Jagran Trending: Cryptocurrency और Digital Currency में क्या है फर्क? इनके बारे में जानें
Cryptocurrency vs digital Currency इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी काफी चर्चाओं में रहती हैं। हालांकि बड़ी संख्या में अभी लोगों को इनके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। ऐसे में चलिए आपको इन दोनों में अंतर क्या है इसके बारे में बताते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मौजूदा समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की काफी चर्चा हो रही है लेकिन बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है, यह क्रिप्टो के बारे में कुछ शब्द दोनों एक नहीं हैं। दोनों में बहुत अंतर है। 1 फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 'क्रिप्टो कोई करेंसी नहीं है, करेंसी वह होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है।'
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में फर्क?
डिजिटल करेंसी को देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किया जाएगा। इसे सरकार द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। इसीलिए, सरकारी डिजिटल करेंसी में निवेश सुरक्षति होगा। सरकारी डिजिटल करेंसी को ऑफलाइन रुपये, डॉलर और बाकी विदेशी करेंसी में बदला जा सकेगा। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट करेंसी होती है। इसे डिजिटल एसेट कहा जाता है। कोई सरकार, क्रिप्टोकरेंसी का रेगुलेशन नहीं करती है।
इसीलिए, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना खतरनाक होता है। क्रिप्टोकरेंसी मूल्य का एक भंडार होती है, इन्हें भी एन्क्रिप्शन द्वारा सुरक्षित किया जाता है। इन्हें उन्नत ब्लॉकचेन तकनीक के इस्तेमाल से बनाया जाता है। साधारण शब्दों में कहें, तो डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, डॉजीकॉइन, इथिरियम की तरह ही होगी लेकिन इसे सरकार रेगुलेट करेगी। यह एन्क्रिप्शन बेस्ड हो सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी को रुपये में बदलने पर लगता है टैक्स
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ पंकज मठपाल ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी को रुपये में बदलने पर टैक्स लगता है। यानी, अगर किसी व्यक्ति के पास क्रिप्टोकरेंसी है और वह चाहता है कि उसके बदले वह रुपया ले, तो ऐसे करने पर उसे टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण 2022 में ऐलान किया था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाएगी। यह नियम एक अप्रैल से लागू हो गया है।
फिलहाल, डिजिटल करेंसी को लेकर टैक्स के संदर्भ में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन, उम्मीद है कि क्योंकि डिजिटल करेंसी सरकार द्वारा रेगुलेट की जाएगी तो इसे कैश में बदलने पर टैक्स से दूर रखा जा सकता है।