सामूहिक निवेश क्या है

ओसियान `सामूहिक निवेश योजना' बंद कर निवेशकों का पैसा लौटाए ः सेबी
मुंबई, (भाषा)। नियामक से मंजूरी लिए बिना आम लोगों से धन जुटाने सामूहिक निवेश क्या है वाले कला कोषों के खिलाफ अपनी पहली कार्रवाई में बाजार नियामक सेबी ने कल ओसियान के आर्ट फंड को अपनी `सामूहिक निवेश योजना' बंद करने और 3 महीने के भीतर निवेशकों को 10 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसा लौटाने को कहा। सेबी ने यह भी कहा कि अगर योजना बंद कर निवेशकों को तीन महीने के भीतर पैसा लौटाने की रिपोर्ट दाखिल नहीं की जाती है तो वह `संभावित धोखाधड़ी, "गी, विश्वासघात और सार्वजनिक कोष के गलत इस्तेमाल' के लिए ओसियान और उसके प्रवर्तकों, निदेशकों और अन्य शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करेगा। ओसियान के खिलाफ करीब छह साल तक चली जांच के बाद अपने अंतिम आदेश में सेबी ने सहारा मामले का भी जिक्र किया जिसमें सहारा समूह की दो गैर..सूचीबद्ध कंपनियों को उच्चतम न्यायालय द्वारा निवेशकों को 24,000 करोड़ रुपये से अधिक धन लौटाने का आदेश दिया गया। सेबी ने ओसियान के कोनोस्यूर्स आफ आर्ट प्राइवेट लिमिटेड को सामूहिक निवेश योजना बंद कर लोगों को पैसा लौटाए जाने तक शेयर बाजार में खरीद..फरोख्त करने और प्रतिभूतियों का लेनदेन करने से भी रोक दिया है। कंपनी ने अपनी आर्ट फंड स्कीमों में से एक स्कीम के लिए 656 निवेशकों से 102.4 करोड़ रु जुटाए थे। ओसियान की विभिन्न स्कीमों द्वारा जुटाई गई कुल राशि का पता नहीं लगाया जा सका। उल्लेखनीय है कि सेबी ने इस मामले में 2007 में जांच शुरू की थी।
एक्शन में बाजार नियामक सेबी, समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया लि. और तीन अन्य पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है मामला
समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया लि. और तीन अन्य पर कुल 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने कई योजनाओं की पेशकश की थी, जिसके तहत लोगों से पैसा जुटाया गया।
नियामक ने समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया, महेश किशन मोतेवार, वैशाली महेश मोतेवार और राजेन्द्र पांडुरंग भंडारी पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
Highlights नियामक ने पाया कि कंपनी इस प्रकार की सामूहिक निवेश योजनाएं जारी कर कोष सामूहिक निवेश क्या है जुटाने में लगी थी। लोगों से पैसे बकरी/भैंस की खरीद और पालन कारोबार के नाम पर जुटाये गये। कंपनी से अक्टूबर 2017 तक 11.97 लाख ग्राहक जुड़े थे और उन निवेशकों को देय राशि 122 करोड़ रुपये से अधिक थी।
नई दिल्लीः बाजार नियामक सेबी ने बिना पंजीकरण के सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) के जरिये कोष जुटाने को लेकर समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया लि. और तीन अन्य पर कुल 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने कई योजनाओं की पेशकश की थी, जिसके तहत लोगों से पैसा जुटाया गया।
लोगों से पैसे बकरी/भैंस की खरीद और पालन कारोबार के नाम पर जुटाये गये। नियामक ने पाया कि कंपनी इस प्रकार की सामूहिक निवेश योजनाएं जारी कर कोष जुटाने में लगी थी। जबकि इसके लिये भारती प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से कोई मंजूरी नहीं ली गयी।
सेबी ने बृहस्पतिवार को एक आदेश में कहा कि कंपनी से अक्टूबर 2017 तक 11.97 लाख ग्राहक जुड़े थे और उन निवेशकों को देय राशि 122 करोड़ रुपये से अधिक थी। सेबी ने अक्टूबर 2013 में अंतरिम आदेश के जरिये कंपनी तथा उसके निदेशकों को मौजूदा योजनाओं के तहत राशि नहीं जुटाने का निर्देश दिया था।
साथ ही जुटायी गयी राशि दूसरी जगह अंतरित करने से मना किया था। हालांकि कंपनी के बैंक खाते का ब्योरा देखने के सामूहिक निवेश क्या है बाद यह पाया गया कि निर्देश के बावजूद कंपनी न केवल निवेशकों से पैसा जुटाती रही बल्कि बैंक खातों में धन को दूसरी जगह स्थानांतरित भी करती रही।
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि निर्देशों का पालन नहीं कर कंपनी तथा तीन अन्य लोगों ने सीआईएस कानून और पीएफयूटीपी (धोखाधड़ी तथा अनुचित व्यापार गतिविधियां) नियमों का उल्लंघन किया। इसके आधार पर नियामक ने समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया, महेश किशन मोतेवार, वैशाली महेश मोतेवार और राजेन्द्र पांडुरंग भंडारी पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
रिजर्व बैंक ने नियमों के उल्लंघन पर डीसीबी बैंक पर 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
निजी क्षेत्र के डीसीबी बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि रिजर्व बैंक ने उसके ऊपर 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उसने कहा कि यह जुर्माना वित्तीय उत्पादों के विपणन नियमों का उल्लंघन करने पर लगाया गया। डीसीबी बैंक ने बीएसई को भेजी सूचना में बताया कि रिजर्व बैंक के 28 अक्टूबर को जारी आदेश में यह जुर्माना लगाया गया है।
उसने कहा, रिजर्व बैंक ने . ‘‘बैंकों के द्वारा म्यूचुअल फंड या बीमा जैसे उत्पादों के विपणन व वितरण’ को लेकर जारी परिपत्र में निर्देशित कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर डीसीबी बैंक के ऊपर 22 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक की ओर से उक्त परिपत्र 16 नवंबर 2009 को जारी किया गया था।’’ रिजर्व बैंक ने आदेश में कहा है कि यह जुर्माना बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 के तहत रिजर्व बैंक को दी गयी शक्तियों का इस्तेमाल करते लगाया गया है।
Mutual Fund क्या है? Mutual Fund basic information in Hindi
Mutual Fund : म्युच्युअल फंड इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है. Mutual Fund को हिंदी में पारस्परिक निधि भी कहते है. म्युच्युअल फंड में कई सारे इनवेस्टर्स का पैंसा इकठ्ठा किया जाता है. और उन पैसो से सामूहिक निवेश किया जाता है. और यह सामूहिक निवेश को फंड व्यवस्थापक (Fund Manager) द्वारा नियंत्रित किया जाता है.
निवेशकों (Investors) से इकठ्ठा किये हुए इन पैसो को फंड मैनेजर stocks, Bonds, बैंक सिक्युरिटीज आदि, में निवेश करते है. Mutual fund से कोई भी आसानी से पैसा कमा सकता है. Mutual Fund में निवेश करने के लिए हमें स्टॉक मार्केट की अच्छा नॉलेज नहीं होगा तो भी चल सकता है. इसमें इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास हजारो रुपये की जरुरत भी नहीं. आप सिर्फ ५०० रुपये मंथली mutual fund में invest कर सकते है.
तो चलिए दोस्तों, इस पोस्ट में हम म्युच्युअल फंड क्या है? और क्या म्युच्युअल फंड में निवेश करना सही है? म्युच्युअल फंड में निवेश करने के फायदे और नुकसान कौन कौन से है? इन सारे सवालों जवाब जाननेवाले है. तो इस पोस्ट के अंत तक जरूर पढ़े.
Mutual Fund क्या है? What is Mutual Fund in Hindi?
आप अबतक Mutual Fund के बारे में काफी जान चुके होंगे. फिर भी एकबार संक्षिप्त से म्युच्युअल फंड के बारे में जान लेते है.
Mutual Fund यह एक अंग्रेजी शब्द है. जिसे हिंदी में “पारस्परिक सामूहिक निवेश क्या है निधि” भी कहा जाता है. Mutual Fund में अलग अलग निवेशकों के पैसो को इकट्ठा किया जाता है. इसीलिए हम इसे सामूहिक निधि भी कह सकते है. इकट्ठा किये हुए सभी रकम को Professional Fund Manager द्वारा अलग अलग Funds के माध्यम से Stocks, Bonds और Bank Securities में निवेश किया जाता है.
तो चलिए वह अलग अलग funds कौनसे है और वह funds हमारे पैसो को कहा कहा invest करते है ये जान लेते है.
Mutual Fund किस किस प्रकार के होते है ? What are the types of Mutual Funds in Hindi?
Mutual Fund के कई सारे प्रकार है. पर इन सभी को हम दो हिस्सों में बाट सकते है- 1. संरचना के आधार पर 2. Assets के आधार पर
A. संरचना के आधार पर
1. ओपन एंडेड म्युच्युअल फंड (Open Ended Mutual Fund)
यह mutual fund का का ऐसा प्रकार है जिसमे entry और exit का कोई लिमिट नहीं होता. इसमें आप कभी भी funds को खरीद सामूहिक निवेश क्या है सामूहिक निवेश क्या है सकते है और बेच भी सकते है. याने की fund को खरीदने या बेचने के लिए कोई निश्चित तारीख या समय नहीं होता है.
इसीलिए म्युच्युअल फंड के इस प्रकार को investors द्वारा बहुत पसंद किया जाता है.
2. क्लोज एंडेड म्युच्युअल फंड (Close Ended Mutual Fund)
म्युच्युअल फंड की यह योजना ओपन एंडेड म्युच्युअल फंड की बिलकुल विरुद्ध है. इस प्रकार में Entry और Exit हम सिर्फ निर्धारित समय पर ही कर सकते हैं. याने की Fund को सिर्फ निर्धारित समय पर ही खरीद सकते है या बेच सकते है. इस तरह के फंड का यूज शेअर मार्किट में इन्वेस्ट करने के लिए किया जाता है. इन फंड का यूज trading के लिए भी किया जाता है.
3. इंटरवल फंड (Interval Funds)
Fund का यह प्रकार open ended funds और close ended funds दोनों से बना है. यह fund इन दोनों के सभी सेवा एवं सुविधा को प्रदान करता है.
ये है, Mutual Fund के संरचना के आधार पर प्रकार।
B. Assets के आधार पर
1. डेब्ट फंड्स (Debt Funds)
इस तरह के फंड्स में बहुत ही काम जोखिम रहती है. पर इस तरह के फंड्स से हम ज्यादा रिटर्न की भी उम्मीद नहीं कर सकते.
इन फंड्स की रकम को बॉन्ड्स(Bonds) और कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट (corporate fixed deposite), बैंक डिपॉजिट्स, कंपनी बॉन्ड्स में इन्वेस्ट किया जाता है. और बचे हुए पैसे को शेयर्स में इन्वेस्ट किया जाता है.
2. लिक्विड फंड्स (Liquid Funds)
Debt Fund की तरह ही Liquid fund में कम जोखिम होती है. इस तरह फंड काम समय वाले उपकरणों में invest करते है, इसीलिए इस फंड को ज्यादातर लोग पसंद करते है.
3. इक्विटी फंड्स (Equity Funds)
यह फंड्स रक़म को Share Market में invest करते है. अगर आप Equity Funds में पैसे invest करके उससे ज्यादा मुनाफा चाहते हो तो आपको यह investment काफी समय के लिए करनी पड़ेगी.
4. मनी मार्केट फंड्स (Money Market Funds)
इस तरह के फंड को हम Short Term Fund भी कह सकते है.
5. बैलेंस म्युच्युअल फंड्स (Balanced Mutual Fund)
इस फंड का जैसा नाम है, वैसेही यह fund दो funds से बना है. जिसमे Equity Fund और दूसरा Debt Fund. Balanced Mutual Fund में जमा हुए रकम को इक्विटी फंड्स और डेब्ट फंड्स में invest किया जाता है.
500 रुपये से शुरुवात करे (Start with Rs.500)
हां, ये सच है. आप म्युच्युअल फंड में केवल 500 रुपये हर महीने निवेश कर सकते है. आम इंसान की mutual fund के बारे में एक सोच बन चुकी है. की यह म्युच्युअल फंड सिर्फ बड़े लोगो के लिए होता है. mutual fund में निवेश करने के लिए कई सारे पैसो जरुरत होती है. पर ऐसा कुछ नहीं है, म्युचुअल फंड आम आदमी से बड़े याने आमिर तक सभी के लिए है. और कोई भी इसमें निवेश कर सकता है. सबसे पहले आप कम पैसो को निवेश कर सकते हो और यह लिमिट धीरे धीरे बढ़ा सकते हो.
म्युच्युअल फंड में इन्वेस्टमेंट कैसे करे (How to invest in Mutual Funds in Hindi)
अबतक आपने Mutual Fund kya hai? Mutual Fund ke types के बारे में भी जानकारी हासिल की है. साथ ही साथ आप ये भी समज गए होंगे की Mutual Fund में निवेश करने के लिए ज्यादा पैसो की जरुरत नहीं होती. सिर्फ 500 रुपये प्रतिमहीना से भी आप निवेश करना शुरू कर सकते है.
पर आपको Mutual Fund mai nivesh kaise karana hai इसकी बिलकुल जानकारी नहीं होंगी. तो चलिए म्युच्युअल फंड में इन्वेस्टमेंट कैसे करना है ये भी जान लेते है.
वैसे तो market में कई सारे मोबाईल ऍप्लिकेशन्स है जिनका यूज करके आप Mutual Fund में आसानी से Invest कर सकते है. उनमे से ये है कुछ Android Apps – Groww, PayTm Money, Zerodha Coin, KTrack, myCAMS, etc.
इनमे से मैं अपनी तरफ से आपको Groww Mutual Fund App रेफेर करना चाहूंगा. क्योकि इस ऍप को मैं बहुत दिनों से यूज सामूहिक निवेश क्या है कर रहा हु.
अगर आप Groww Mutual Fund Application को इनस्टॉल करके Mutual Fund में पैसे invest करना चाहते हो. तो आप इस लिंक का यूज करके Groww App डाउनलोड कर सकते हो. >> Download Groww App Now
अगर आपने पहले से ही आपका Groww का account खोला हो तो उसे Sign-in करके डायरेक्ट म्युच्युअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते है. पर आपका account पहले से नहीं आपको Sign up करके account बनाना होगा. Groww का account खोलते समय आपका बैंक अकाउंट और आपके पास Pan Card होना बहुत जरुरी है. एकबार आपका account बन जाये तो आप भी mutual fund में निवेश करना शुरू कर सकते है.
Mutual Fund में निवेश की शुरुवात (Start of Investing in Mutual Funds in Hindi)
Mutual Fund में शुरुवात करना है तो इन पॉइंट्स उपर जरूर ध्यान दे –
- जल्दी शुरुवात करे
- नियमित निवेश करे
- लंबी अवधि के लिए निवेश बनाये रखे
Mutual Fund के फायदे (Benefits of Mutual Fund in Hindi)
1. Mutual Fund में invest की हुई रकम को फंड मैनेजर द्वारा अलग अलग stocks, securities में निवेश किया जाता है. और यह Fund Manager पूरा रिसर्च करकर निवेश करते है. इसीलिए अलग से हमें जरुरत नहीं होती. और वो हमें मुनाफा कमके देते है. हालांकि इसके बदले हमें उन्हें कुछ कमीशन देना पड़ता है.सामूहिक निवेश क्या है
2. Mutual Fund में कम जोखीम रहती है.
3. इसमें सभी निवेश कर सकते है.
म्युच्युअल फंड के नुकसान (Disadvantages of Mutual Funds in Hindi)
1. Mutual Fund में हमारी रकम को कहा invest करना है यह हम नहीं चुन सकते.
2. Mutual Fund से हमें जो रिटर्न्स मिलने वाले होते है. वह fixed नहीं होते. उसमे बदलाव आते है.
उम्मीद है की आपको mutual fund ki jankari की यह पोस्ट पसंद आयी होगी. तो इस पोस्ट को दोस्तों के साथ जरूर शेअर करे. आप Mutual Fund के साथ साथ Share Market ki jankari भी लेना चाहते हो तो यहाँ क्लिक करे.
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Oxfam Report में हुआ खुलासा, किसी आम आदमी से 10 लाख गुना ज्यादा कार्बन उत्सर्जित करता है एक अरबपति
हाल ही में पब्लिश हुई ऑक्सफैम रिपोर्ट (Oxfam report) में बढ़ते कार्बन उत्सर्जन के बारे में कई दावे किए गए हैं. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि दुनिया के सबसे 125 अमीर अरबपतियों के निवेश से सालाना औसतन 30 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होता है, जो कि आम आदमी की तुलना में 10 लाख गुना अधिक है.
Carbon Emission
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 07 नवंबर 2022,
- (Updated 07 नवंबर 2022, 11:26 AM IST)
सुपर रिच लोगों की 183 कंपनियों में सामूहिक रूप से 2.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी है
अब ग्रीन हाउस उत्सर्जन की जिम्मेदारी सुपर रिच लोगों को लेनी होगी
नॉन-प्रोफिट संगठन, ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के सबसे अमीर अरबपतियों में से 125 के निवेश से सालाना औसतन तीन मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होता है, जो किसी भी औसत इंसान से दस लाख गुना ज्यादा है. इन सुपर रिच लोगों की 183 कंपनियों में सामूहिक रूप से 2.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी है.
"कार्बन बिलियनेयर्स: द इन्वेस्टमेंट एमिशन्स ऑफ द वर्ल्ड्स रिचेस्ट पीपल" शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन और सीमेंट जैसे प्रदूषणकारी उद्योगों में उनका निवेश मानक और गरीब 500 कंपनियों के औसत से दोगुना है.
फ्रांस के बराबर CO2 का उत्सर्जन
संचयी रूप से, ये 125 अरबपति प्रति वर्ष 393 मिलियन टन CO2e (कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य) को फंड करते हैं, जो कि 67 मिलियन लोगों के देश फ्रांस के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के बराबर है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्येक अरबपतियों के उत्सर्जन की भरपाई के लिए लगभग 40 लाख लोगों को वीगन बनना होगा.
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ सामूहिक निवेश क्या है अमिताभ बेहर का कहना है कि अब ग्रीन हाउस उत्सर्जन की जिम्मेदारी सुपर रिच लोगों को लेनी होगी. कॉरपोरेट पिरामिड में टॉप पर बैठे इन अरबपति निवेशकों पर जलवायु परिवर्तन की बड़ी जिम्मेदारी है.
1.6 बिलियन हेक्टेयर में नए वनों की जरूरत
2021 में, ऑक्सफैम ने खुलासा किया था कि 2050 तक नेट जीरो बनने के लिए दुनिया से कार्बन उत्सर्जन को दूर करने के लिए अगर सिर्फ भूमि का उपयोग किया जाए तो कम से कम 1.6 बिलियन हेक्टेयर नए वनों की जरूरत होगी, जो भारत के आकार के पांच गुना के बराबर क्षेत्र है.
ऑक्सफैम इंटरनेशनल में क्लाइमेट चेंज लीड, नफकोटे डाबी ने कहा, सरकारों को सबसे अमीर लोगों के लिए उत्सर्जन के आंकड़े प्रकाशित करके, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और पैसे पर टैक्स लगाकर इससे निपटने की जरूरत है.