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क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

अब हम अपने दाताओं के लिए एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में क्रिप्टोकरेंसी देने की पेशकश करने के लिए उत्साहित हैं। क्रिप्टोक्यूरेंसी दान करने से आपको परिवारों, बच्चों और ज़रूरतमंद वरिष्ठों को भोजन उपलब्ध कराते हुए कर लाभ मिल सकता है।

स्टॉक और म्यूचुअल फंड की तरह, क्रिप्टोकुरेंसी एक सराहनीय संपत्ति है। इस प्रकार का उपहार विशेष रूप से आकर्षक हो सकता है यदि आप बिटकॉइन, एथेरियम, या किसी अन्य आमतौर पर कारोबार की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी को धारण कर रहे हैं, जिसकी कीमत में काफी सराहना हो सकती है। यदि आपने दान करने क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास से पहले उस संपत्ति को पहले डॉलर में भुनाया, तो यह आपके पूंजीगत लाभ पर कर की अपेक्षा पैदा करेगा। हालांकि, फ़ूड बैंक को सीधे क्रिप्टोक्यूरेंसी उपहार देने का मतलब है कि आपका पूरा योगदान यूएस डॉलर में तत्काल वर्तमान मूल्यांकन पर कर-कटौती योग्य है, और मेट्रो अटलांटा और उत्तरी जॉर्जिया में भूख से लड़ने में आपका परोपकार तेजी से काम करता है। कृपया अपने कर पेशेवर से सलाह लें।

क्रिप्टो दान कैसे करें

द गिविंग ब्लॉक के सरल और सुरक्षित टूल का उपयोग करके अटलांटा कम्युनिटी फ़ूड बैंक को क्रिप्टोकरेंसी दान करना आसान है। अपना दान तीन आसान चरणों में करें:

  1. किसी भी सिक्के का चयन करें जिसे अटलांटा सामुदायिक खाद्य बैंक दान के लिए स्वीकार करता है और एक दान राशि दर्ज करें।
  2. नाम, ज़िप कोड और राज्य सहित अपनी जानकारी प्रदान करें या गुमनाम रूप से दान करना चुनें।
  3. आपको प्रदान किए गए पते का उपयोग करके अपने बटुए से दान करें।

सभी क्रिप्टोक्यूरेंसी दान अकाट्य हैं। चूंकि इन दानों को अक्सर फिएट मुद्रा में परिवर्तित कर दिया जाता है, अटलांटा सामुदायिक खाद्य बैंक क्रिप्टोकुरेंसी में किए गए किसी भी दान पर धनवापसी की पेशकश नहीं करता है। यदि आपने अपना विचार बदल दिया है, गलत क्रिप्टोकरेंसी भेजी है, या गलत निर्णय लिया है, तो फ़ूड बैंक धनवापसी नहीं कर सकता है। फ़ूड बैंक दान के बदले में क्रिप्टोक्यूरेंसी एयरड्रॉप, सामान या सेवाओं के किसी भी रूप की पेशकश नहीं करता है, नहीं करता है और कभी नहीं करेगा। कृपया विजेट पर उल्लिखित ब्लॉकचेन पर सूचीबद्ध सटीक क्रिप्टोकरेंसी ही भेजें। कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी (लेयर 2, रैप्ड टोकन, एनएफटी या अन्य ईआरसी -20 टोकन सूचीबद्ध नहीं सहित) न भेजें क्योंकि ये असमर्थित हैं और इसके परिणामस्वरूप दान का नुकसान हो सकता है।

Ripple Cryptocurrency: रिपल क्रिप्टोकरेंसी (XRP) क्या है जनक ,इतिहास,भविष्यवाणी,कीमत,फायदे,नुकसान सम्पूर्ण Best जानकारी 2022 में ?

दोस्तों आजकल Ripple Cryptocurrency की चर्चाएं बहुत ज्यादा हो रही है और यह एक सबसे बड़ा विषय है इस आर्टिकल में हम इसके भविष्यवाणी इतिहास फायदे नुकसान के बारे में इस आर्टिकल में डिटेल में बताने जा रहा हूं अगर आप Ripple cryptocurrency के बारे में जानना चाहते हो तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें | Ripple Cryptocurrency

Table of Contents

Ripple Cryptocurrency | रिपल क्रिप्टोकरेंसी (XRP) क्या है ?

जैसा कि आप जानते हैं Ripple एक क्रिप्टोकरंसी है इसे RXP क्रिप्टोकरंसी के नाम से भी जानते हैं यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड है Ripple कंपनी द्वारा संचालित की गई है यह Ripple CryptoCurrency अन्य क्रिप्टोकरंसी मुकाबले बहुत तेजी से काम करती हैं यह बाकी का Crypto currency जैसी ही है जैसे Bitcoin Ethereum क्रिप्टो करेंसी है ।

इस Ripple Cryptocurrency को ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी की शक्तियों का उपयोग करके इसको डिजाइन किया गया है यह एक डिजिटल मुद्रा है और बैंक को और वित्तीय कार्यों में इसकी प्रक्रिया बहुत तेजी से लेन देन प्रणाली को बढ़ावा दे रही है |

Ripple Cryptocurrency के जनक

Ripple Cryptocurrency को Chris Larsen और Jed Mccaleb ने बनाया था। क्रिप्टोकरंसी को बनाने क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास का उद्देश्य यह था कि आने वाले भविष्य में जो ट्रांजैक्शन किए जाते हैं उनकी समस्याओं को जड़ से खत्म किया जा सके। charis larsen 1960 में पैदा हुऐ थे और वे बचपन से ही सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज में दिलचस्पी रखते थे और उन्होंने इस कंपनी को 1996 मैं बनाया था उसके बाद यह तेजी से ग्रो होने लगी 2012 में रिपील कंपनी एक अच्छा परफॉर्म कर गई थी।

शुरुआत में Ripple Cryptocurrencyजब मार्केट में आई थी तो इसकी कीमत बहुत ही कम थी कुछ सालों तक यह ऐसे ही चलता रहा इसकी कीमतों में किसी भी प्रकार क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास से उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिला । इसको 13 अगस्त 2013 में मार्केट में लाया गया था उस टाइम पर इसकी कीमत है ₹0.2594 थी और देखते ही देखते इसमें पहला चढ़ाव उसी दिन देखने को मिला था इसकी प्राइस धीरे-धीरे बढ़ने लगे वैसे तो यह है |

सबसे सस्ती Ripple Cryptocurrency में से है फिर इसका दूसरा चढ़ाव 19 मई 2017 में आया उस टाइम इसकी कीमत तकरीबन ₹21 हो गई थी इस कॉइन की सबसे खास बात यह है कि एक तो सस्ती क्रिप्टोकरंसी में से है अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लग रहा है क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें और इसे आगे बढ़ते रहें।

XRP भविष्यवाणी 2025

अक्सर यह कीवर्ड इंटरनेट पर सर्च किया जाता है कि XRP भविष्यवाणी 2025 लेकिन इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं और यह बात सत्य भी है की कोई कहता है कि 2025 तक इसकी कीमतों में $10 तक बढ़ोतरी हो सकती है कोई कहता है 100 डॉलर तक भी जा सकता है मेरा मानना यह है कि 2013 में जब इसे लांच किया था |

उस टाइम पर इसकी कीमत बिल्कुल ना के बराबर थी और 2017 में इसकी कीमत है ओन्ली ₹21 थे तो इससे पता चलता है कि $10 तक पहुंचने में इसको काफी साल लग सकते हैं इस बारे में आपकी राय क्या हो सकती है नीचे कमेंट करके बताना बड़ी-बड़ी साइट अभी यह कह रही है कि 2030 तक इसकी कीमत है $100 तक जा सकती है भविष्य का किसी को कुछ नहीं पता शायद इसमें गिरावट भी देखने को मिल सकती है।

यह बात तो आप सब जानते हैं कि जब इसको मार्केट में लाया गया था उसकी कीमत बहुत ही कम थी शुरुआती कुछ सालों में इसमें कुछ उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिला लेकिन कुछ सालों बाद इसमें थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अगर ग्राफ के हिसाब से बात करें तो इस कॉइन को 2013 में मार्केट में लाया गया था |

उस टाइम इसकी कीमतों में बहुत ही कम थी लेकिन 2017 तक इसकी कीमतें काफी बढ़ोतरी देखने को मिली थी इससे यह पता चलता है कि आने वाले टाइम पर शायद आपको यह अच्छा रिटर्न भी दे सकती है लेकिन हम इस बात की सलाह देते हैं अगर आप किसी भी क्रिप्टोकरंसी में निवेश करते हैं तो आप अपने रिस्क पर करें क्योंकि इनमें लॉस भी हो सकता है और फायदा भी हो सकता है ।

2022 XRP की कीमत

Ripple CryptoCurrency कैसे काम करता है

यह कैसे काम करता है यह टेक्नोलॉजी पर आधारित है जैसा कि आपको पता है बिटकॉइन एथेरियम यह क्रिप्टोकरंसी है इनके बारे में आज हर कोई जानता है यह किस काम में आते हैं इन्हें का एक जीता जागता उदाहरण है Ripple Cryptocurrency दोस्तों मैं आप को बता दूं यह एक क्रिप्टोकरंसी है इसे हम खरीद कर अपने पास स्टोर सकते हैं |

और जैसे ही इसके बढ़ते बढ़ते हैं हमे इसे बेच देते हैं ताकि हमको फायदा हो और इसका काम करने का तरीका काफी सुपरफास्ट है यह डिजिटल तरीके से वर्क करता है जैसे हम क्रिप्टोकरंसी हो को डिजिटल तरीके से यूज करते हैं वैसे ही हम इसको यूज़ कर सकते हैं आज का जमाना टेक्नोलॉजी जमाना है आज हर कोई डिजिटल तरीके से ही काम करते हैं । अब तो आप अच्छे से समझ गए होगे कि Ripple Cryptocurrency कैसे काम करती |

Ripple एक अच्छा निवेश है

अगर आप इस Ripple Cryptocurrency लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं तो यह आपके लिए एक अच्छा निवेश बन सकता है क्योंकि कोई भी क्रिप्टोकरंसी जब तक आप उसमें लॉन्ग टाइम तक पैसा इन्वेस्ट नहीं करते है तो वह आपके लिए फायदेमंद नहीं होती इसका सबसे बड़ा रीजन है होता है कि लोंग टाइम तक पैसा निवेश करने से उसमें प्राइस बढ़ते हैं और आपको फायदा होता है इसी वजह से यह आपके लिए एक अच्छा निवेश बन सकता है।

Xrp को भारत में कैसे खरीदें

अगर आप यह सोच रहे हो तो कि भारत में इसे कैसे खरीदें तो इसे खरीदने के लिए मैं आपको एक एप्लीकेशन बताऊंगा जिसकी मदद से आप Ripple Cryptocurrency को खरीद सकते हैं उस एप्लीकेशन का नाम coinswitch kuber एप्लीकेशन है आप प्ले स्टोर पर डाउनलोड करके इसमें साइन अप करके अपना आईडी क्रिएट कर लेना और आप आसानी से इसमें Ripple Cryptocurrency को खरीद सकते हैं|


Ripple CryptoCurrency के क्या फायदे हैं?

  • Repple Cryptocurrency के फायदे सुपर फास्ट ट्रांजैक्शन करने में सक्षम है और इसका उद्देश्य वित्तीय भुगतान प्रणाली करने में सहायक है |
  • यह अपना फोकस बैंकों की मदद करने में लगाता है इस परियोजना से भी क्रिप्टोकरंसी की तरह समायोजन की अवधि प्रदान नहीं होती ।
  • यह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने में सक्षम है और किसी भी मुद्रा का मूल्यवान के साथ कार्य को करने की क्षमता करने में मदद करता है।

नुकसान

आप सब जानते हैं कि यह एक ओपन सोर्स है और इसका मतलब यह है कि हमेशा जोखिम रहना इसमें नुकसान की संभावना भी होती है क्योंकि कोई भी क्रिप्टोकरंसी नुकसान भी हो सकता है इसका कारण यह है कि वह पूरी तरह मार्केट प्राइस पर डिपेंड रहता है कि आपको फायदा हो रहा है या नुकसान | अगर आप Ripple Cryptocurrency में इन्वेस्ट करे तो सोच समझकर वह अपने रिस्क पर करें।

अंतिम शब्द

इस आर्टिकल में आपने जाना Ripple Cryptocurrency क्या है और इसके जनक कौन हैं और इसके इतिहास इसकी भविष्यवाणी फायदे नुकसान के बारे में जाना उम्मीद करता हूं कि आपको यह आर्टिकल अच्छे से समझ आया होगा कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और अगर आप क्रिप्टोकरंसी से संबंधित है कोई समस्या है तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी की वास्तविक क़ीमत शून्य तो क़ानून क्यों आ रहा है?

क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून आने के बाद रिज़र्व बैंक एक डिजिटल करेंसी भी जारी करने जा रहा है। लेकिन सवाल है कि जिसकी कोई वास्तविक क़ीमत नहीं है उसको मान्यता कैसे मिलेगी?

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हरि अनंत हरि कथा अनंता। और एकदम यही हाल पैसे का भी है। कहा भी है पैसा भगवान तो नहीं पर भगवान की कसम, भगवान से कम भी नहीं है। पैसे के अनेक रूप भी देखे गए हैं और देखे जा रहे हैं। अनाज और मसालों के लेनदेन से शुरू हुआ व्यापार फिर सोने, चांदी, तांबे, पीतल और अल्युमिनियम के सिक्कों से होता हुआ स्टील के सिक्कों और कागज के नोटों तक पहुँच चुका है।

कुछ देशों में प्लास्टिक के नोट भी चल रहे हैं लेकिन उन्हें भी कागजी मुद्रा ही माना जाता है। कागजी मुद्रा यानी वो मुद्रा जिसकी क़ीमत उसपर लिखे हुए एक वादे में निहित है। कागज का नोट दरअसल प्रोनोट या प्रॉमिसरी नोट का ही छोटा रूप है। प्रोनोट को भारतीय परंपरा में हुंडी भी कहा जाता था। जिसपर लिखा होता था कि यह रुक्का या पत्र लेकर आनेवाले को बदले में इतनी रक़म चुकाई जाएगी। भारत के नोटों पर भी भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की तरफ़ से ऐसा ही वादा लिखा होता है।

हालाँकि, इसके बाद क्रेडिट कार्ड और अब पेटीएम या दूसरे डिजिटल वॉलेट भी आ गए हैं जिनमें न किसी नोट की ज़रूरत है, न किसी वादे की। लेकिन इनके पीछे भी आपकी रक़म ही होती है। आपको अपने खाते में रक़म भरनी होती है या फिर क्रेडिट कार्ड पर ख़र्च होने के बाद चुकानी पड़ती है। थोड़ी कसरत है तो काफ़ी कुछ आसानी भी हो जाती है। मगर यह गणित समझना मुश्किल नहीं है। मुद्रा या करेंसी के सदियों के इतिहास में जो सबसे बड़ा फेरबदल हुआ है वो यह है कि जहाँ पहले लोग आपस में लेनदेन के लिए चीजें इस्तेमाल कर लेते थे, वहीं अब सरकारों ने इस काम को हाथ में ले लिया है और हरेक लेनदेन के लिए एक पैमाना है जिसे अलग-अलग देशों की मुद्रा कहा जाता है। दुनिया भर के सेंट्रल बैंक अपने अपने देश की मुद्रा चलाते हैं और दूसरे देशों की मुद्रा के साथ उसका तालमेल भी रखते हैं।

लेकिन अब दुनिया आगे बढ़ी तो गणित में पेंच भी बढ़ गए। कुछ लोगों को सूझा कि हमारे आपसी लेनदेन में सरकार का दखल क्यों ज़रूरी है। क्यों न एक ऐसी करेंसी बनाई जाए जो सीधे आपस में लेनदेन का ज़रिया बने और इसमें सरकार की कोई भूमिका न रहे।

इसकी ज़रूरत क्यों पड़ी, इसके अलग अलग तर्क हो सकते हैं। शायद यही वजह भी है कि यह क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास विचार पहली बार 1992 में आया था, लेकिन दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की शुरुआत हुई 2008 में बनी एक वेबसाइट से। और उसके बाद भी पहला ट्रांजेक्शन होने में क़रीब चार महीने का वक़्त लग गया।

बिटकॉइन की शुरुआत का श्रेय सातोशी नाकामोतो को दिया जाता है। यह एक जापानी नाम है। लेकिन असल में यह इंसान कौन है, कोई है भी या नहीं। यह अभी तक रहस्य ही है। बिटकॉइन की शुरुआती क़ीमत क्या थी, यह तो अब सोचना भी मुश्किल है, लेकिन दो उदाहरण हैं जिनसे यह बात समझी जा सकती है। मार्च 2010 में एक यूज़र ने पचास डॉलर में दस हज़ार बिटकॉइन नीलामी के लिए रखे, मगर इस भाव पर कोई खरीदार नहीं मिल पाया।

दुनिया में बिटकॉइन का पहला असली सौदा फ्लोरिडा में 22 मई 2010 को हुआ जब एक खरीदार ने दस हज़ार बिटकॉइन देकर दो पीत्ज़ा खरीदे। सोचिए, उस खरीदार को अब क्या लगता होगा जब एक बिटकॉइन की क़ीमत लगभग छप्पन हज़ार डॉलर यानी क़रीब बयालीस लाख रुपए है।

इन दोनों आँकड़ों के पीछे चार जीरो और लगाइए और सोचिए कि वो पीत्ज़ा उसे कितना महंगा पड़ा।

आप सोचेंगे कि इतना महंगा बिटकॉइन हमारे किस काम का। तो यह जान लें कि इसकी यही खासियत है। आपको यह पूरा कॉइन या सिक्का नहीं खरीदना है। आप इसका दसवां, सौवां, हजारवां या लाखवां हिस्सा भी खरीद सकते हैं। यानी आप कहेंगे कि मुझे हज़ार दो हज़ार रुपए के ही कॉइन लेने हैं तो उसका एक्सचेंज या एजेंट उतनी रक़म का ही टुकड़ा आपके खाते में ट्रांसफर कर देगा। और फिर आप रोज उसका भाव देखकर खुश और दुखी होते रहें। दुखी इसलिए कहा कि इसका भाव जैसा चढ़ता है वैसा ही गिरता भी है। इसी साल अप्रैल में यह क़रीब सैंतालीस लाख का था और जुलाई में बाईस लाख पर पहुँच गया। बिटकॉइन ऐसी अकेली करेंसी नहीं है।

क्रिप्टो का अर्थ ही है छुपा हुआ, गुप्त या कूट। इसीलिए आप क्रिप्टोकरेंसी को कूटमुद्रा भी कह सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी दरअसल कुछ बहुत जटिल कंप्यूटर कोड हैं जिनकी एक क़ीमत तय कर दी गई है। यह दुनिया भर में ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़े हुए हैं इसकी वजह से इनका लेनदेन और सौदे की तस्दीक आसान हो जाती है यह तर्क इसके समर्थकों की ओर से दिया जाता है।

बाज़ार में ऐसी दर्जनों क्रिप्टोकरेंसी आ चुकी हैं। और भाव बढ़ने गिरने के अलावा भी इसमें जोखिम इसलिए भी और ज़्यादा हो जाता है क्योंकि अभी तक यह कारोबार पूरी तरह बेलगाम है।

लेकिन अगर सामने इतनी बड़ी कमाई का लालच हो तो जोखिम दिखना बंद हो जाता है। इसी चक्कर में कोरोना काल में जब चारों तरफ़ तबाही और परेशानी थी तो भारत में करोड़ों लोग क्रिप्टोकरेंसी के फेर में फंस गए।

और क्रिप्टोकारोबार में लगे लोग अब उन्हीं को सामने करके सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बाकायदा अख़बारों में विज्ञापन देकर कहा है कि देश के करोड़ों लोगों की लगभग छह लाख करोड़ रुपए की रक़म क्रिप्टोकरेंसी में लगी हुई है। उनका कहना है कि इसीलिए ज़रूरी है कि सरकार इस कारोबार के लिए पारदर्शी नियम क़ानून बनाए।

लेकिन बात इतनी आसान भी नहीं है। अगर क्रिप्टोकरेंसी दुनिया भर में फैल रही है तो दूसरी तरफ़ इसपर उठनेवाले सवाल भी बढ़ रहे हैं। आतंकवाद और नशीली दवाओं के कारोबार में इसके इस्तेमाल का ख़तरा बहुत ज़्यादा है। और अब तक का रिकॉर्ड दिखाता है कि इसमें लगा पैसा अचानक हवा हो जाने का ख़तरा भी लगातार बना हुआ है। रिज़र्व बैंक कई बार चेतावनी दे चुका है कि इस कारोबार में ख़तरा है और अभी इसपर गंभीर चर्चा हुई नहीं है। प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को ग़लत हाथों में जाने से रोकना बहुत ज़रूरी है।

लंबी खींचतान के बाद आख़िरकार सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून बनाने जा रही है। और अब यह साफ़ है कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाई जाएगी। लेकिन यह सवाल बाक़ी है कि अपवाद के रूप में जिन क्रिप्टोकरेंसी को चलने की इजाजत दी जाएगी उनके लिए क्या तर्क इस्तेमाल होगा और उनके जोखिम को कैसे काबू में रखा जाएगा। और जो क्रिप्टोकरेंसी बंद हो जाएंगी उनमें जिन लोगों ने पैसा लगा रखा है उनको इससे निकलने के लिए कितना वक़्त मिलेगा, मिलेगा भी या नहीं मिलेगा, और क्या उनपर किसी तरह का जुर्माना या टैक्स भी लग सकता है? इन्हीं आशंकाओं की वजह से भारत में क़ानून आने की क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास ख़बर मिलते ही क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार में तेज गिरावट का झटका भी आया। हालांकि फिर उसमें चढ़ाव उतार का सिलसिला भी चल रहा है।

क्रिप्टोकरेंसी क़ानून आने के बाद रिज़र्व बैंक एक डिजिटल करेंसी भी जारी करने जा रहा है। और सूत्रों के मुताबिक़ यह तय करने का अधिकार भी रिज़र्व बैंक के पास ही रहेगा कि देश में कौन सी क्रिप्टोकरेंसी चलेगी और कौन सी बैन होगी। अर्थ यह हुआ कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी की बड़ी दुविधा को हल करने के बजाय इसे कुछ और समय के लिए टाल रही है और ज़िम्मेदारी रिज़र्व बैंक की तरफ़ खिसकाई जा रही है। यह यक्ष प्रश्न बना रहेगा कि किसी ऐसी चीज़ को मुद्रा के रूप में मान्यता कैसे दी जा सकती है जिसकी कोई वास्तविक क़ीमत है ही नहीं। और यह सवाल इस क़ानून के आने के बाद भी बना ही रहनेवाला है।

बिटकॉइन के बारे में ये जान लीजिए क्योंकि कोई बताएगा नहीं

बिटकॉइन के बारे में ये जान लीजिए क्योंकि कोई बताएगा नहीं

इंटरनेट की रहस्यमय करेंसी बिटकॉइन को 8 साल ही हुए हैं लेकिन इसके खूब चर्चे हैं. इसके भाव हैरान करने वाले हैं तो बहुत से लोग इस बात से अचरज में हैं कि कैसे घर बैठे लोग बिटकॉइन से ही करोड़पति बन गए हैं. इसे क्रिप्टोकरेंसी का बादशाह कहा जा सकता है क्योंकि कई करेंसी आई और गईं बिटकॉइन पूरे दम-खम से कायम है. हम ऐसी 10 बातें आपको बता रहे हैं जो शायद किसी ने ना बताई हों पर ये जानना बेहद जरूरी है.

1. पहली बार बिटकॉइन से पिज्जा खरीद

22 मई को बिटकॉइन पिज्जा डे के तौर पर मनाया जाता है? लेकिन इसकी वजह क्या है बहुत कम लोग जानते होंगे. असल में पहली बार 22 मई 2010 को बिटकॉइन से पिज्जा खरीदा गया था. उस वक्त ये बड़ी बात थी क्योंकि तब तक कोई रिटेलर क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास बिटकॉइन को करेंसी के बदले स्वीकार नहीं करता था.

22 मई 2010 को 10,000 बिटकॉइन के बदले लेजलो हैंयेज ने पापा जॉन के दो पिज्जा खरीदे थे. उस वक्त 10,000 बिटकॉइन का दाम $41था. अब एक बिटकॉइन का दाम 15000 डॉलर है.

2. बिटकॉइन की सीमित सप्लाई

बिटकॉइन की तादाद सीमित है सिर्फ 2.10 करोड़ ही है, इससे ज्यादा नहीं. अब तक सिस्टम में 1.67 करोड़ बिटकॉइन जारी हो चुके हैं. माइनिंग के जरिए हर 10 मिनट में करीब 12.5 नए बिटकॉइन रिलीज हो रहे हैं. माइनिंग का मतलब यह नहीं कि इन्हें माइन से निकाला जाता है. बल्कि नए बिटकॉइन के लिए दुनियाभर में कंप्यूटर नेटवर्क में कंपिटीशन मेंं नए बिटकॉइन तैयार होते हैं.

3. गुप्त चाबी (पासवर्ड) गुमी तो बिटकॉइन स्वाहा

बिटकॉइन के लिए प्राइवेट की (पासवर्ड) या चाबी जरूरी है. अगर यह लापता हुए तो बिटकॉइन भी जाना तय मानिए. अमेरिका के जेम्स हॉवेल ने जरा सी लापरवाही से 7,500 बिटकॉइन गवां दिए थे. 2013 में घर की सफाई के वक्त हॉवेल ने अपनी हार्ड डिस्क फेंक दी थी जिसमें बिटकॉइन का पासवर्ड था. अभी के भाव में इनकी कीमत करीब 10 करोड़ डॉलर है.

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