इंडिकेटर्स

इकनॉमिक इंडिकेटर्स देखकर अजस्ट करें पोर्टफोलियो
1980 के दशक में इनवेस्टमेंट पर चर्चा कुछेक दिग्गज कंपनियों से शुरू होती थी और आजकल.
मैक्रो इकनॉमिक इंडिकेटर्स इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट में अहम रोल अदा करते हैं। इससे ऐसेट ऐलोकेशन में मदद मिलती है। इससे इनवेस्टमेंट का लॉन्ग टर्म नजरिया बनता है। अगर फंड या पोर्टफोलियो मैनेजर मैक्रो इंडिकेटर्स पर स्टॉक सिलेक्ट करते हैं तो फाइनैंशियल अडवाइजर्स को मैक्रो इंडिकेटर्स पर ऐसेट ऐलोकेशन कराना चाहिए। कामयाब स्ट्रैटिजी के लिए दोनों जरूरी हैं।
स्ट्रैटिजिक डायवर्सिफिकेशन इनवेस्टर की जरूरत पर निर्भर करता है, लेकिन मैक्रो इंडिकेटर्स के हिसाब से ऐसेट ऐलोकेशन में अडजस्टमेंट पोर्टफोलियो में वैल्यू अडीशन हो सकता है। अब हम बड़े ऐसेट क्लास पर गौर करते हैं। बॉन्ड्स में इनवेस्टमेंट महंगाई और अनुमानित इंट्रेस्ट रेट पर डिपेंड करता है। इक्विटी ऐलोकेशन प्रॉफिट ग्रोथ और उसके टिकाऊ होने पर डिपेंड करता है। गोल्ड में इनवेस्टमेंट उसके फ्यूचर स्टोर वैल्यू के हिसाब से करना चाहिए। रियल एस्टेट और कमॉडिटी में इनवेस्टमेंट के लिए इकनॉमिक साइकल पर फोकस करना चाहिए।
अमेरिका में रेट हाइक की फिक्र हम क्यों करते हैं? दुनिया में सबसे ज्यादा फंड इनफ्लो अमेरिका में होता है। दुनिया के ज्यादातर सेंट्रल बैंक अपने रिजर्व डॉलर में रखते हैं और ज्यादातर ट्रेड डॉलर में सेटल होते हैं। इससे डॉलर की डिमांड लगातार और ऊंची बनी हुई है। ऐसा इसलिए भी हो रहा कि वहां इकनॉमिक ग्रोथ तेज होने की उम्मीद बन रही है। अमेरिका में ज्यादा रेट ऑफर होने पर वहां इनवेस्टमेंट ज्यादा लुभावना हो जाएगा।
सालों तक तेज ग्रोथ के दौरान चीन लीडिंग ग्लोबल एक्सपोर्टर और इंपोर्टर बना और अब वह सामान्य और टिकाऊ ग्रोथ लेवल पर आ रहा है। इस प्रोसेस में उसने अपनी करेंसी का डीवैल्यूएशन शुरू कर दिया है। यूरोप और जापान में लो ग्रोथ है। ग्लोबल डिमांड और इंट्रेस्ट रेट में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने का अनुमान बड़ी इकनॉमी से जुड़े इन्हीं सब फैक्टर्स पर इंडिकेटर्स आधारित है।
इंडियन इनवेस्टर्स के लिए यह सोचना आसान है कि इंडिया सुस्त चाल से बढ़ रही दुनिया में सबसे जुदा है। हमारे दुनिया से जुदा होने की सोच खतरनाक है। 1990 से पहले यह सही होगा। 2008 के ग्लोबल क्राइसिस ने इसको गलत साबित कर दिया। हमें हमेशा लगता है कि अगर कुछ बुरा हो चुका है तो दोबारा हो सकता है और उसके हिसाब से तैयारी करते हैं। बुल मार्केट क्रैश के पैदा डर के मुकाबले रिकवरी हमेशा अलग और पॉजिटिव होगी। लेकिन उस रफ्तार से नहीं होती है, जितनी उम्मीद इनवेस्टर्स कर लेते हैं और रिवाइवल से पहले दर्द ज्यादा होता है।
ग्लोबल ग्रोथ कम और इंडिकेटर्स रिकवरी सुस्त रह सकती है। ऐसे में इनवेस्टर्स को ऐसेट ऐलोकेशन के बारे में क्या करना चाहिए? यह सवाल अहम है। इसके लिए हमें कुछ बातों पर ध्यान देना होगा। जब समूची इकॉनमी रिकवरी की कोशिश में जुटी होती है तब इक्विटी में गिरावट का रिस्क कम होता है। इसलिए इसमें ऐलोकेशन बढ़ाना चाहिए। डेट ऐलोकेशन हाई रखना चाहिए और रिकवरी के साथ घटाते जाना चाहिए। गोल्ड, कमॉडिटी और रियल एस्टेट से परहेज करना चाहिए क्योंकि ये बूम टाइम स्टोरी होती हैं।
चंदौली : डीएम ने की नीति आयोग के इंडिकेटर्स की समीक्षा, सुधार से दिखीं संतुष्ट, अफसरों को प्रगति बरकरार रखने के दिए निर्देश
meeting
चंदौली। अधिकारियों की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में हुई। इसमें जिलाधिकारी ईशा दुहन ने नीति आयोग के इंडिकेटर्स की समीक्षा की। पिछले माह की तुलना में इस माह सुधार होने पर संतोष जताया। अधिकारियों को प्रगति बरकरार रखने के निर्देश दिए।
डीएम ने आयोग के पोर्टल पर सम्बन्धित विभागों की ओर से फीड माह सितम्बर 2022 की प्रगति के आंकड़ों की समीक्षा की। मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा स्वास्थ्य एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पोषण से सम्बन्धित आंकड़ों को पिछले माह की तुलना में सुधारात्मक बताया गया। इसी प्रकार शिक्षा, कृषि, उद्यान, पशुपालन से सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा भी अपने आंकड़ों गत माह की तुलना में सुधारात्मक बताया गया। समीक्षा के दौरान समस्त इंडीकेटर्स में पिछले माह की तुलना में वृद्धि पाई गई। जनपद के 22 राजकीय विद्यालयों के विद्युतीकरण के सम्बन्ध में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि लक्षित 22 विद्यालयों का विद्युतीकरण पूर्ण हो चुका है। पोषण के अन्तर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी को अतिकुपोषित बच्चों की आगनबाड़ीवार सूची तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि उद्यान विभाग जिले में मिर्च, टमाटर, तुलसी, फूल एवं अन्य सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की सूची तैयार कर उनके उत्पाद की मार्केटिंग तथा प्रोसेसिंग के सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार करे। अंत में इंडिकेटर्स आयोग की ओर से उपलब्ध कराई गई अतिरिक्त सहायता धनराशि के व्यय की भी समीक्षा की गयी। डीएम ने समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इंडीकेटर्स की निरंतर समीक्षा करें। प्रत्येक माह आकड़ों के फीडिंग के पूर्व इनकी गुणवत्ता एवं सत्यता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
रोडवेज बस: रात का सफर, टूटा शीशा, नो इंडिकेटर
वाराणसी ( ब्यूरो ) । अल सुबह और देर रात सर्दी की दस्तक हो चुकी है । हाल ही में यूपी परिवहन विभाग ने सभी रोडवेज बस अड्डों के बेड़ें की बसों में फाग लाइट , टूटे इंडिकेटर्स , खिड़कियों के क्षतिग्रस्त कांच को दुरुस्त करने का निर्देश दिया था । बावजूद इसके अब भी कैंट रोडवेज बेड़े की कई बसों की फॉग लाइट , कांच , इंडिकेटर्स और रिफ्लेक्टर्स नहीं इंडिकेटर्स लगवाए जा सके हैैं । चालक अपने जोखिम पर गाड़ी चला रहे हैं .
503 से अधिक बसें
कैंट रोडवेज के बेड़े में कुल 503 से अधिक बसें हैैं । इनमें तकरीबन दो दर्जन से अधिक बसों की स्थिती ठीक नहीं है । डिपो की ज्यादातर बसों में फॉग लाइट नहीं है । कई बसों के कांच मानक के अनुरूप नहीं सटीक बंद नहीं होते हैैं । इससे सुबह और देर रात तक सफर करने वालों यात्रियों को अपने सीटों पर ठिठुरना पड़ रहा है । इसके अलावा बसों के वाइपर खराब हैं व पुरानी बस होने चलते कांच में साफ दिखाई नहीं देता है । सामने से तेज लाइट पडऩे पर चालक असहज हो जाते हैैं । यात्रियों ने मांग की कि जल्द से जल्द से व्यवस्था को सुधार लिया जाए ।
कैंट रोडवेज आंकड़ों में
परिक्षेत्र में कुल बसें - 503
परिक्षेत्र में कुल एसी बसें - 31
टूटे - फूटे हैैं इंडिकेटर्स
कैंट डिपो की कई बसों के इंडिकेटर्स मानक के अनुरूप नहीं है । इससे यात्रियों से भरी बस को बाजार , रिहायसी इलाकों , हाइवे , कांव - कस्बों के मोड़ और अस्पताल व स्कूल के पास में बस को टर्न कराने में चालकों को असुविधा होती है । साथ ही हादसे का भी खतरा रहता है । टर्न करने के दौरान इंडिकेटर नहीं जलाने से कई बार छोटे वाहनों के चालक हादसे का शिकार हो जाते हैैं ।
मानक से कम रेडियम साइन इंडिकेटर्स बोर्ड
कैंट से पूर्वांचल के तकरीबन एक दर्जन जिलों को जाने वाली बसों में के मार्ग में मानक के अनुरूप रोड किनारे रेडियन साइन बोर्ड का अभाव है । जो हैैं भी तो वे धूल से सने हुए हैैं । विभाग इन्हें लगाने के बाद खबर लेने तक नहीं गया । उदाहरण के तौर पर कैंट से सैयदराजा के सरकारी बसों के रूट में कई रेडियम साइन बोर्ड क्षतिग्रस्त हो गए हैैं । इनकी मरम्मत की आवश्यकता है । ताकि रात में बस चालक सुरक्षित बस ड्राइव कर सकें ।
रोड सेफ्टी और सर्दी को लेकर रोडवेज प्रबंधन सजग है । बुधवार को रणनीतिक बैठक संपन्न हुई है । 15 नवंबर तक बसों को मानक के अनरूप दुरुस्त कर लिया जाएगा । इसके लिए अभियान चल रहा है ।
चंदौली पहुंची शिक्षा मंत्रालय की टीम: नीति आयोग के इंडिकेटर्स की जांचेंगे प्रोग्रेस, डीएम के साथ की चर्चा
चंदौली के नीति आयोग के इंडिकेर्टस की प्रगति जांचने के लिए शिक्षा मंत्रालय की टीम जिले में पहुंच गई है। केंद्रीय टीम में आईआईटी मुंबई, बीएचयू समेत देश के नामी शिक्षण संस्थानों के प्रोफेसर शामिल हैं। टीम जिले में भ्रमण कर आयोग के निर्देश पर कराए जाने वाले विकास कार्यों व योजनाओं की प्रगति परखेगी। टीम के सदस्यों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में डीएम संजीव सिंह के साथ चर्चा की।
जिले को अतिपिछड़ा घोषित किया है
जिले में नीति आयोग ने चंदौली जिले को अतिपिछड़ा घोषित किया है। जनपद में शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण, मूलभूत सुविधाओं, कृषि व सिंचाई, कौशल विकास व रोजगार समेत छह पैरामीटर पर काम कराए जा रहे हैं। शिक्षाविदों की टीम इन क्षेत्रों में जिले की स्थिति जानने के लिए पहुंची है। उन्होंने कलेक्ट्रेट में डीएम के साथ बैठक कर चर्चा की। विभिन्न क्षेत्रों में कराए जा रहे कार्यों के बाबत जानकारी ली। डीएम संजीव सिंह ने बताया कि जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, कौशल विकास एवं वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में मानकों के अनुसार प्रगति लाने के लिए कार्य योजना बनाकर कार्य चल रहा है। स्टडी टीम के सदस्यों ने डीएम को बताया कि नीति आयोग के इंडिकेटर्स विभिन्न पैरामीटर किए जा रहे कार्यों को परखने के लिए फील्ड विजिट किया जाएगा। ताकि धरातल पर हुए कार्यो की रिपोर्ट तैयार करके आयोग को सौंपा जा सकें। इस दौरान सीडीओ अजितेंद्र नारायण, ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट इंडिकेटर्स आर राम्या, सीएमओ डा. वाईके राय, डीआईओएस डा. विजय प्रकाश सिंह, बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह, डीएसटीओ डा. राजीव श्रीवास्तव उपायुक्त उद्योग गौरव मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी बसंत कुमार दुबे उपस्थित रहे।
टीम में यह अफसर हैं शामिल
स्टडी टीम में मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन के हायर लेवल स्टडी टीम के सदस्य आईआईटी मुंबई के प्रो. आशीष पांडेय, मुंबई विश्विविद्यालय की प्रो. निशा पांडेय, बीएचयू के प्रो. मनीष अरोरा शामिल है। जो लगातार फील्ड विजीट करेंगे।
चंदौली : डीएम ने की नीति आयोग के इंडिकेटर्स की समीक्षा, सुधार से दिखीं संतुष्ट, अफसरों को प्रगति बरकरार रखने के दिए निर्देश
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चंदौली। अधिकारियों की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में हुई। इसमें जिलाधिकारी ईशा दुहन ने नीति आयोग के इंडिकेटर्स की समीक्षा की। पिछले माह की तुलना में इस माह सुधार होने पर संतोष जताया। अधिकारियों को प्रगति बरकरार रखने के निर्देश दिए।
डीएम ने आयोग के पोर्टल पर सम्बन्धित विभागों की ओर से फीड माह सितम्बर 2022 की प्रगति के आंकड़ों की समीक्षा की। मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा स्वास्थ्य एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पोषण से सम्बन्धित आंकड़ों को पिछले माह की तुलना में सुधारात्मक बताया गया। इसी प्रकार शिक्षा, कृषि, उद्यान, पशुपालन से सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा भी अपने आंकड़ों गत माह की तुलना में सुधारात्मक बताया गया। समीक्षा के दौरान समस्त इंडीकेटर्स में पिछले माह की तुलना में वृद्धि पाई गई। जनपद के 22 राजकीय विद्यालयों के विद्युतीकरण के सम्बन्ध में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि लक्षित 22 विद्यालयों का विद्युतीकरण पूर्ण हो चुका है। पोषण के अन्तर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी को अतिकुपोषित बच्चों की आगनबाड़ीवार सूची तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि उद्यान विभाग जिले में मिर्च, टमाटर, तुलसी, फूल एवं अन्य सब्जियों की खेती करने वाले किसानों की सूची तैयार कर उनके उत्पाद की मार्केटिंग तथा प्रोसेसिंग के सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार करे। अंत में आयोग की ओर से उपलब्ध कराई गई अतिरिक्त सहायता धनराशि के व्यय की भी समीक्षा की गयी। डीएम ने समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इंडीकेटर्स की निरंतर समीक्षा करें। प्रत्येक माह आकड़ों के फीडिंग के पूर्व इनकी गुणवत्ता एवं सत्यता पर विशेष ध्यान दिया जाए।