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क्रॉस मुद्रा जोड़े क्या हैं

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Aadhaar Update: अब आधार में जन्म से लेकर मृत्यु तक होगा हर डेटा, धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम

जन्म के साथ ही आधार नंबर अलॉट करने से यह सुनिश्चित होगा कि बच्चे और परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. इससे कोई भी social security benefits से वंचित नहीं रहेगा.

By: ABP Live | Updated at : 05 Jul 2022 05:55 PM (IST)

Aadhaar update: देश में आये दिन आधार कार्ड (Aadhaar card) का इस्तेमाल लगभग सभी कार्यो में हो रहा है. हर जगह आपके प्राइमरी डॉक्यूमेंट में आधार को सबसे पहले माँगा जाता है. जिसके कारण आधार का दुरुपयोग काफी हद तक बढ़ गया है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा किसी भी आयु का कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है, बिना किसी लिंग भेद के आधार कार्ड के लिए नामांकन करवा सकता है.

आधार से जुड़े जन्म-मृत्यु के डेटा
आपको बता दे कि यूआईडीएआई ने जन्म और मृत्यु के डेटा (birth and death data) को आधार से जोड़ने का फैसला लिया है. नवजात शिशु को अस्थाई आधार नंबर (Temporary Aadhaar number) जारी किया जाएगा, बाद में इसे बायोमीट्रिक डेटा के साथ अपग्रेड किया जाएगा. साथ ही मृत्यु के पंजीकरण के रेकॉर्ड को भी आधार के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि इन नंबर के दुरुपयोग को रोका जा सके. यानी आधार में अब हर व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक के आंकड़े जोड़े जाएंगे. इसके लिए जल्दी ही 2 पायलट प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी है. आधार को 2010 में लॉन्च किया था और देश की लगभग पूरी वयस्क आबादी को इसमें एनरॉल किया जा चुका है.

दो पायलट प्रोजेक्ट होंगे शुरू
UIDAI के एक अधिकारी ने कहा कि जन्म के साथ ही आधार नंबर अलॉट करने से यह सुनिश्चित होगा कि बच्चे और परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. इससे कोई भी सामाजिक सुरक्षा के लाभ (Social Security Benefits) से वंचित नहीं रहेगा. इसी तरह मृत्यु के डेटा से आधार को जोड़ने से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा. अभी ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिनमें लाभार्थी की मौत के बाद भी उसके आधार का इस्तेमाल हो रहा था. इसके लिए जल्दी ही 2 पायलट प्रोजेक्ट शुरू होंगे.

नहीं होगा मिसयूज
आधार नंबर क्रॉस मुद्रा जोड़े क्या हैं को Driving License, PAN, Passport and Digilocker में स्टोर किए दूसरे दस्तावेजों के साथ क्रॉस चेक किया जाएगा. आधार नंबर को ड्राइविंग लाइसेंस के साथ क्रॉस वेरिफाई करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट पहले से चल रहा है. जिससे सरकारी खजाने को होने वाले नुकसान को रोका जा सके. पिछले 5 साल में 19.63 करोड़ नए आधार नंबर अलॉट किए हैं जबकि 52 करोड़ मौजूदा आधार नंबर को अपडेट किया है.

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क्या है डेटा
UID विभाग के एक सीनियर अधिकारी की माने तो अभी 5 साल के बच्चों का बायोमीट्रिक डेटा लिया जाता है. बच्चों के घर जाकर आधार टीम उनके बायोमीट्रिक डिटेल लेकर उन्हे परमानेंट आधार नंबर दे सकती है. बच्चे की उम्र 18 साल होने पर बायोमीट्रिक को फिर से रजिस्टर किया जाता है. आपको बता दे कि 5 से 18 साल की उम्र वाली 93 % आबादी का आधार रजिस्ट्रेशन है. जबकि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में यह संख्या केवल 25% है.

मरने के बाद ले रहे पेंशन
नवजात बच्चों को प्रॉविजनल आधार नंबर जारी करने का प्रावधान पहले से ही है. शहरों और राज्यों के जन्म पंजीकरण डेटाबेस के साथ डेटा को क्रॉस वेरिफाई किया जाएगा. साथ ही मृत्यु से जुड़े आंकड़ों के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों से डेटा मांगे जाएंगे, ताकि डुप्लिकेशन न हो. कोरोना महामारी में मृत्यु के बाद भी देखा जा रहा है कि उस व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ अभी भी मिल रहा है. जिन लोगों की हाल में मौत हुई है, उनकी पेंशन अब भी निकाली जा रही है. उन लोगों के आधार नंबर अब भी एक्टिव हैं.

क्या है जीरो आधार
यूएआईडीएआई की जीरो आधार (Zero Aadhaar) अलॉट करने की भी योजना है. इससे फर्जी आधार नंबर जेनरेट नहीं होगा. साथ ही एक व्यक्ति को एक से ज्यादा आधार नंबर अलॉट नहीं किए जा सकेंगे. जीरो आधार नंबर ऐसे लोगों को दिया जाता है जिनके पास जन्म, निवास या आय को कोई प्रमाण नहीं होता है. ऐसे व्यक्ति को आधार इंट्रोड्यूसर वेरिफाइड इलेक्ट्रॉनिक साइन के जरिए आधार इकोसिस्टम से इंट्रोड्यूस कराता है. इलेक्ट्रॉनिक साइन से यह पता चलेगा कि व्यक्ति जेनुइन है और देशभर में उनके द्वारा इंट्रोड्यूस किए लोगों के नंबर का वेरिफिकेशन किया जा सकता है.

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Published at : 05 Jul 2022 05:55 PM (IST) Tags: Aadhaar card Aadhaar uidai Aadhaar update aadhar fraud Zero Aadhaar हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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Digital Currency को लेकर RBI का नया प्रोजेक्ट, 1 दिसंबर से आप पर पड़ेगा प्रभाव

Digital Rupee, RBI Launched Digital Rupee

1 नवंबर को थोक खंड में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था

अब 1 दिसंबर से खुदरा खंड में पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा

RBI to launch retail digital rupee: भारत (India) में डिजिटल लेनदेन (Digital Transactions) में काफी तेजी आई है. कोरोना महामारी के दौर में डिजिटल लेन देन काफी तेजी से बढ़ा है. वहीं, विश्व बाजार में बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी जैसे निवेश पर लोगों का झुकाव बढा है. वहीं, प्राइवेट करेंसियों पर लोगों का झुकाव देखकर अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल करेंसी प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले बजट में ऐलान किया था कि आरबीआई अगले वित्त वर्ष Digital Rupee को लॉन्च करेगा. बता दें, डिजिटल रूपी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC भी कह सकते हैं. पहले केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपये के थोक खंड का पायलट परीक्षण कर चुका है. एक नवंबर को डिजिटल रुपये के थोक खंड का पहला परीक्षण हुआ था.

थोक के बाद खुदरा पायलट प्रोजेक्ट

अब इसी डिजिटल करेंसी यानी डिजिटल रूपी को आरबीआई भारतीय बाजार में उतारने के लिए पूरी तरह से तैयार है. आरबीआई ने इसके लिए विज्ञप्ती भी जारी की है. आरबीआई ने कहा है कि, केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल संबंधी पायलट परीक्षण की घोषणा की है. ये एक दिसंबर को बंद उपयोगकर्ता में चुनिंदा जगहों पर परीक्षण किया जाएगा. जिसमें ग्राहक और बैंक मर्चेंट दोनों शामिल होंगे.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश में डिजिटल करेंसी को बाजार में लॉन्च करने जा रहा है. डिजिटल रुपये के खुदरा इस्तेमाल के इस पायलेट प्रोजेक्ट में SBI, ICICI बैंक समेत चार अन्य बैंक को शामिल किया गया है. यह पायलेट प्रोजेक्ट दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया जाएगा. आरबीआई का कहना है कि ये इलेक्ट्रॉनिक रुपये एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो एक वैध मुद्रा का प्रतिनिधित्व करेगा.

Digital Rupee का आम लोगों पर क्या होगा प्रभाव

ये डिजिटल करेंसी भारत के आम लोगों के लिए काफी नया है. जिसके बारे में उन्हें ज्यादा पता भी नहीं है.हालांकि, RBI ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 1 दिसंबर 2022 से शुरू करने की घोषणा कर दी है. बता दें, क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वॉइन जैसी चीजें पहली ही विश्व बाजार में है लेकिन ये भारत में वैलिड नहीं है. इसी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के काट के रूप में RBI ने डिजिटल रूप को लॉन्च कर रहा है. हालांकि, ये जानना जरूरी है कि डिजिटल करेंसी आम लोगों पर कितना और कैसा प्रभाव डालेगी. आपको बता दें, डिजिटल करेंसी पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है ऐसे में RBI भी इसका आकलन करेगी की लोगों के लिए डिजिटल करेंसी कितना फायदेमंद होगी.

हालांकि, इसकी कुछ अच्छे प्रभाव बताए गए हैं. जैसे की क्रॉस मुद्रा जोड़े क्या हैं डिजिटल रूपी का इस्तेमाल प्राइमरी फाइनेंशियल सर्विस के तौर पर किया जाता है तो पेमेंट का तरीका और ज्यादा लचीला और सरल हो जाएगा.डिजिटल रूपी की मदद की मदद से रेमिटेंस यानी क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन सस्ता हो जाएगा.डिजिटल रूपी का ट्रांसफर आसान और तेज होगा. मेंटिनेंस और प्रोसेस सिंपल होने के कारण ट्रांजैक्शन चार्ज घट जाएंगे. और डिजिटल रूपी का ट्रांसफर आसान और तेज होगा. मेंटिनेंस और प्रोसेस सिंपल होने के कारण ट्रांजैक्शन चार्ज घट जाएंगे. ट्रांसफर प्रोसेस तेज होने के कारण इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार तेज होगी.डिजिटल रूपी के कारण किसी भी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई करने बहुत ज्यादा आसान हो जाएगा. साथ ही बैंकिंग सेक्टर के लिए रिस्क मॉनिटरिंग का काम भी घट जाएगा.बताया जा रहा है कि,डिजिटल रूपी पूरी तरह रेग्युलराज्ड और सेंट्रलाइज्ड होगा,जिसके कारण प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज कम होगा. यानी कुल मिलाकर डिजिटल करेंसी भारत में बिजनेस, इनवेस्टमेंट, सेविंग और शॉपिंग का तरीका बदल देगा.

Exness पर माइनर पेयर ट्रेडिंग - माइनर मुद्रा जोड़े का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय

 Exness पर माइनर पेयर ट्रेडिंग - माइनर मुद्रा जोड़े का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय

माइनर या विदेशी मुद्रा जोड़े का व्यापार कैसे और कब करना है, यह समझना किसी भी विकासशील विदेशी मुद्रा व्यापारी के लिए एक आवश्यक कौशल है। इस लेख में हम ठीक से पता लगाते हैं कि एक मामूली जोड़ी का गठन क्या है, उन्हें व्यापार करने के फायदे और नुकसान, साथ ही जोखिम का प्रबंधन करते समय अपने व्यापार को उल्टा होने का सबसे बड़ा मौका कैसे मिलता है।

एक मामूली मुद्रा जोड़ी की परिभाषा

एक छोटी मुद्रा जोड़ी अमेरिकी डॉलर को छोड़कर दो प्रमुख मुद्रा जोड़े के बीच एक क्रॉस है। यह एक मुद्रा क्रॉस के विपरीत है, जो बस किसी भी जोड़ी क्रॉस मुद्रा जोड़े क्या हैं है जिसमें यूएस डॉलर शामिल नहीं है। स्पष्ट करने के लिए, सभी छोटी मुद्रा जोड़े भी मुद्रा पार हैं, लेकिन सभी मुद्रा क्रॉस मामूली विदेशी मुद्रा जोड़े नहीं हैं। मामूली मुद्रा जोड़े को ब्रिटिश पाउंड (GBP), जापानी येन (जेपीवाई) या यूरो (EUR) सहित क्रॉस से बना होना चाहिए।

लघु मुद्रा जोड़े के उदाहरण

यूरो पार:

EURGBP - यूरो / ब्रिटिश पाउंड

EURAUD - यूरो / ऑस्ट्रेलियाई डॉलर

EURNZD - यूरो / न्यूजीलैंड डॉलर

EURCAD - यूरो / कैनेडियन डॉलर

EURCHF - यूरो / स्विस फ्रैंक

जापानी येन क्रॉस:

EURJPY - यूरो / जापानी येन

GBPJPY - ब्रिटिश पाउंड / जापानी येन

AUDJPY - ऑस्ट्रेलियाई डॉलर / जापानी येन

NZDJPY - न्यूजीलैंड डॉलर / जापानी येन

CADJPY - कैनेडियन डॉलर / जापानी येन

CHF - स्विस फ्रैंक / जापानी येन

ब्रिटिश पाउंड क्रॉस:

GBPAUD - ब्रिटिश पाउंड / ऑस्ट्रेलियाई डॉलर

GBPNZD - ब्रिटिश पाउंड / न्यूजीलैंड डॉलर

GBPCAD - ब्रिटिश पाउंड / कैनेडियन डॉलर

GBPCHF - ब्रिटिश पाउंड / स्विस फ्रैंक

ट्रेडिंग माइनर जोड़े: लाभ

माइनर मुद्रा जोड़े का उपयोग व्यापारियों द्वारा कम-जोखिम वाले उच्च-इनाम वाले व्यापार सेटअप प्रदान करने की उनकी क्षमता के कारण किया जाता है जो लंबी अवधि में बाहर खेलते क्रॉस मुद्रा जोड़े क्या हैं हैं। इस तरह के व्यापारिक अवसर मध्यम अवधि के दीर्घकालिक व्यापारी के लिए आदर्श होते हैं, हालांकि दिन के व्यापारी के लिए कम उपयुक्त होते हैं।

इस तथ्य के बावजूद कि प्रमुख मुद्रा जोड़े सबसे अधिक तरल विदेशी मुद्रा जोड़े हैं, छोटी मुद्रा जोड़े में महत्वपूर्ण व्यापारिक मात्रा भी होती है जो उन्हें व्यापारिक उपकरणों के रूप में उपयुक्त बनाती है। दरअसल, कुछ प्रमुख क्रॉस में औसत दैनिक मात्रा है जो कुछ स्टॉक एक्सचेंजों की तुलना में बहुत अधिक है।

इसके अलावा, यह देखते हुए कि अधिकांश व्यापारी अपनी मूल्य कार्रवाई की परवाह क्रॉस मुद्रा जोड़े क्या हैं किए बिना प्रमुख मुद्रा जोड़े के व्यापार पर ध्यान केंद्रित करते हैं, छोटी मुद्रा जोड़े अधिक समझदार व्यापारी के लिए उत्कृष्ट अवसर प्रदान कर सकते हैं। कई व्यापारी जो मामूली विदेशी मुद्रा जोड़े का व्यापार करते हैं वे उच्च संभावना वाले व्यापार सेटअपों की तलाश करते हैं जो प्रमुख मुद्रा जोड़े में मौजूद नहीं हो सकते हैं।

ट्रेडिंग द माइनर जोड़े: नुकसान

माइनर फॉरेक्स जोड़े उनकी चुनौतियों के बिना नहीं हैं। वे आम तौर पर प्रमुख मुद्रा जोड़े की तुलना में कम तरल होते हैं और जैसे वे आम तौर पर व्यापक प्रसार के साथ आते हैं। यह कुछ दिन व्यापारियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जो स्केलिंग जैसी रणनीतियों के माध्यम से अपना लाभ कमाने के लिए प्रमुख मुद्रा जोड़े पर दिए गए कम प्रसार पर भरोसा करते हैं। अधिकांश नाबालिग जोड़े से जुड़े उच्च प्रसार इसलिए उनके संभावित मुनाफे को जल्दी से नष्ट कर सकते हैं।

कुछ छोटी जोड़ियों से जुड़ी कम तरलता के कारण भी बाजार में कीमतें प्राप्त करने में देरी हो सकती है। यदि आप एक खोने वाले व्यापार से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है। कम तरलता भी अधिक लगातार आदेश फिसलन का कारण बन सकती है, जो आपके लाभ को काफी कम कर सकती है।

सबसे अच्छा समय व्यापार करने के क्रॉस मुद्रा जोड़े क्या हैं लिए मामूली मुद्रा जोड़े

हालांकि विदेशी मुद्रा बाजार 24 घंटे खुले रहते हैं, सप्ताह में पांच दिन, दुनिया भर में विभिन्न वित्तीय बाजारों के खुले और बंद होने से जुड़े तीन प्रमुख व्यापारिक सत्र हैं।

मुख्य व्यापारिक सत्र हैं:

  • एशियाई / टोक्यो सत्र: 23:00 GMT - 08:00 GMT
  • यूरोपीय / लंदन सत्र: 07:00 GMT - 16:क्रॉस मुद्रा जोड़े क्या हैं 00 GMT
  • अमेरिकी / न्यूयॉर्क सत्र: 12:00 GMT - 20:00 GMT

एशियाई सत्र में न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और चीन जैसे बाजार शामिल हैं। कई व्यापारी आमतौर पर इस ट्रेडिंग सत्र से बचते हैं क्योंकि इससे जुड़ी तरलता कम होती है क्योंकि केवल एशियाई बाजार खुले हैं। हालांकि, इस सत्र के दौरान जापानी येन, न्यूजीलैंड डॉलर और ऑस्ट्रेलियाई डॉलर जैसी मुद्राएं महत्वपूर्ण कदम उठा सकती हैं।

यूरोपीय सत्र का प्रतिनिधित्व लंदन के वित्तीय बाजारों द्वारा किया जाता है। लंदन सत्र सभी विदेशी मुद्रा लेनदेन का लगभग 30% हिस्सा है और इस अवधि में होने वाली बड़ी संख्या में लेनदेन के कारण सबसे अस्थिर सत्र है। अधिकांश मूल्य कार्रवाई व्यापारियों के लिए अस्थिरता अच्छी है जो कीमतों में बदलाव से लाभान्वित होते हैं। इस सत्र में ब्रिटिश पाउंड, यूरो और स्विस फ्रैंक सबसे अधिक सक्रिय हैं।

उत्तर अमेरिकी सत्र का प्रतिनिधित्व न्यूयॉर्क वित्तीय बाजारों द्वारा किया जाता है। न्यूयॉर्क सत्र लंदन सत्र के साथ ओवरलैप क्रॉस मुद्रा जोड़े क्या हैं होता है और ओवरलैप अवधि में आमतौर पर उच्च तरलता होती है और व्यापार के अच्छे अवसर मिल सकते हैं। अमेरिकी सत्र का समापन आम तौर पर विदेशी मुद्रा बाजारों के करीब है।

निष्कर्ष

हालांकि छोटी मुद्रा जोड़े आम तौर पर प्रमुख मुद्रा जोड़े की तुलना में कम तरल होते हैं, वे समझदार व्यापारी के लिए उत्कृष्ट व्यापार सेटअप प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, दिन के व्यापारियों को कम तरलता और कम प्रसार के कारण छोटी मुद्रा जोड़े से मुनाफा कमाने में मुश्किल हो सकती है। मामूली मुद्रा जोड़े का व्यापार करना मध्यम-अवधि और दीर्घकालिक व्यापारियों के लिए सबसे उपयुक्त है, जो उच्च प्रसार के साथ व्यापार करने का मन नहीं करते हैं। लघु मुद्रा जोड़े में शामिल विदेशी मुद्रा व्यापारों की लाभ क्षमता में समय भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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