IPO में ऐसे करें निवेश

LIC IPO में निवेश: पैसे लगाएं या नहीं और क्या सभी को शेयर अलॉट होंगे? जानिए LIC IPO से जुड़े हर सवाल का जवाब
लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) का भारत का सबसे IPO में ऐसे करें निवेश बड़ा इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) बुधवार को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है। कंपनी इसके जरिए 3.5% हिस्सेदारी बेचकर करीब 21,000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है।
ये IPO 9 मई तक खुला रहेगा और प्राइस बैंड 902-949 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है। IPO में पॉलिसीधारकों को 60 रुपए और रिटेल निवेशकों को 45 रुपए प्रति शेयर की IPO में ऐसे करें निवेश छूट मिलेगी। न्यूनतम बोली 1 लॉट (15 शेयर) और उसके बाद 15 शेयरों के मल्टीपल में है।
ऐसे में यहां हम इस IPO से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दे रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल की इस IPO में पैसे लगाए या नहीं? मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? डिस्काउंट कब मिलेगा, IPO अप्लाई करते समय या बाद में?
डिस्काउंट के लिए पॉलिसी कितनी पुरानी होनी चाहिए? किस प्राइस पर IPO अप्लाई करना चाहिए? क्या IPO भरने वाले सभी लोगों को शेयर मिलेंगे? IPO के लिए अप्लाई कैसे करना है? तो चलिए एक-एक कर इन सवालों को लेते हैं और जानते हैं इनके जवाब.
किस भाव पर पैसा लगाए और डिस्काउंट?
LIC के IPO का प्राइस बैंड 902-949 रुपए का है। ऐसे में निवेशकों को हायर बैंड 949 रुपए पर पैसे लगाना चाहिए। निवेशकों को कट ऑफ प्राइस सिलेक्ट करना चाहिए। इससे शेयर अलॉटमेंट की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। IPO की सबसे खास बात ये है कि आपको डिस्काउंट IPO अप्लाई करते समय ही मिल जाएगा।
रिटेल निवेशकों के लिए LIC ने 45 रुपए का डिस्काउंट रखा है। अगर आप अपर बैंड पर शेयर के एक लॉट के अप्लाई करते हैं तो फिर 949 रुपए प्रति शेयर की जगह आपको 904 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से पेमेंट करना होगा। यानी एक लॉट के लिए आपको 14,235 की जगह केवल 13,560 रुपए देने होंगे।
अगर आपके पास LIC की पॉलिसी है तो आपको 60 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। आप पॉलिसी होल्डर कोटे से अपर बैंड पर शेयर के एक लॉट के अप्लाई करते हैं तो आपको 889 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से पेमेंट करना होगा। यानी एक लॉट के लिए आपको 14,235 की जगह 13,335 रुपए देने होंगे।
मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?
रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 15 शेयरों के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इस हिसाब से रिटेल निवेशकों को 45 रुपए के डिस्काउंट के बाद मिनिमम 13,560 रुपए लगाने होंगे। मैक्सिमम लिमिट 14 लॉट है, यानी 210 शेयर। निवेशक मैक्सिमम 1,89,840 रुपए लगा सकते हैं। इसी तरह पॉलिसी होल्डर्स 60 रुपए के डिस्काउंट के बाद मिनिमम 13,335 रुपए और मैक्सिमम 1,86,690 का निवेश कर सकते हैं। हालांकि, पॉलिसी होल्डर्स और एम्प्लॉई के पास एक एडिशनल बेनिफिट भी है।
पेटीएम मनी के CEO वरुण श्रीधर ने कहा, पॉलिसी होल्डर्स दो अलग-अलग कैटेगरी के तहत IPO के लिए आवेदन कर सकते हैं। रिटेल कैटेगरी और पॉलिसी होल्डर कैटेगरी। यानी वो दोनों कैटेगरी में 14-14 लॉट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि यदि कोई व्यक्ति पॉलिसी होल्डर होने के साथ LIC का कर्मचारी है, तो वो एम्प्लॉई कैटेगरी के तहत और 14 लॉट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यानी एम्प्लॉई IPO में ऐसे करें निवेश कुल 42 लॉट के लिए बिड लगा सकते हैं। एम्पलॉई कैटेगरी में भी प्रति शेयर 45 रुपए की छूट मिल रही है।
पॉलिसी कितनी पुरानी होनी चाहिए?
DRHP और इश्यू खुलने के दिन निवेशकों के पास वैलिड पॉलिसी होनी चाहिए। LIC ने DRHP 13 फरवरी को फाइल किया था और इश्यू 4 मई को खुलेगा। यानी पॉलिसी 13 फरवरी से पहले की होनी चाहिए और 4 मई को ये बंद नहीं होनी चाहिए। दूसरी शर्त ये है कि 28 फरवरी तक आपका पैन पॉलिसी से लिंक होना चाहिए। अगर आप इन शर्तों को पूरा करते हैं तभी आपको पॉलिसी होल्डर कोटे में डिस्काउंट मिलेगा। अगर पॉलिसी माइनर के नाम पर है तो माइनर के नाम पर ही डीमैट अकाउंट भी होना चाहिए।
क्या सभी डिस्काउंट एक साथ मिल सकते हैं?
अगर आप रिटेल इन्वेस्टर का 45 रुपए का डिस्काउंट और पॉलिसी होल्डर का 60 रुपए का डिस्काउंट एक साथ लेना चाहते हैं तो ये संभव नहीं है। आपको डिस्काउंट केवल एक ही कोटे में मिलेगा। या तो आप रिटेल इन्वेस्टर का 45 रुपए का डिस्काउंट ले सकते हैं या फिर पॉलिसी होल्डर का 60 रुपए का डिस्काउंट।
क्या सभी को शेयर मिलेंगे और अप्लाई कैसे करें?
LIC का इश्यू साइज 21 हजार करोड़ रुपए का है। ये भारत का अब तक का सबसे बड़ा IPO है। इसलिए IPO के लिए अप्लाई करने वाले ज्यादातर लोगों को शेयर मिलने की संभावना काफी ज्यादा है। यानी आप कह सकते हैं कि IPO भरने वाले सभी लोगों को शेयर मिलेंगे। वहीं अप्लाई करने की बात करें तो आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए। LIC IPO एप्लिकेशन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से कर सकते हैं। हालांकि पैसा ऑनलाइन ही देना होगा।
LIC के IPO में पैसे लगाए या नहीं?
ज्यादातर मार्केट एनालिस्ट इसमें पैसा लगाने की सलाह दे रहे हैं। IPO में शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों में पैसा बन सकता है। हालांकि, एनालिस्ट इसमें लॉन्ग टर्म तक बने रहने की सलाह दे रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इंश्योरेंस कंपनियों का बिजनेस मॉडल लॉन्ग टर्म का होता है। अगर आप पॉलिसी धारक कोटे में अप्लाई करते हैं और आपको पहले ही 60 रुपए का डिस्काउंट मिल जाएगा और अगर शेयर 949 रुपए पर भी लिस्ट होता है तब भी आपको प्रति शेयर 60 रुपए का फायदा मिलेगा।
वहीं निगेटिव की बात करें तो LIC के लिए चिंता का विषय उसका मार्केट शेयर कम होना है। पिछले 8 सालों में LIC का मार्केट शेयर 8-10% गिरा है। इससे रेवेन्यू पर असर पड़ सकता है। भारत में इंश्योरेंस इंडस्ट्री 17% के रेट से ग्रोथ कर रही है, जबकि LIC की ग्रोथ 7% के रेट से है। यानी LIC इंडस्ट्री की ग्रोथ से करीब 10% पीछे है। LIC का एक्सपेक्टेड फ्यूचर प्रॉफिट 10% का है, जबकि प्राइवेट कंपनीज का एक्सपेक्टेड प्रॉफिट 20% का है।
LIC IPO में एंकर इन्वेस्टर्स का रिस्पॉन्स कैसा रहा?
एंकर इन्वेस्टर्स के लिए IPO 2 मई यानी कल खुला था। पहले ही दिन ये फुली सब्सक्राइब हो गया। एंकर इन्वेस्टर्स के हिस्से के तहत 5,92,96,853 शेयरों को ₹949 प्रति शेयर पर सब्सक्राइब किया गया है। ग्रे मार्केट में भी IPO को अच्छा रिस्पॉन्स है। ग्रे मार्केट में LIC का प्रीमियम 85 रुपए है।
IPO Investing Tips: IPO में पैसे लगाते वक्त ना करें ये 5 गलतियां, फायदा होना तो दूर की बात है आपके पैसे तक डूब सकते हैं
IPO Investing Tips: हाल ही में एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) आया था, जिसने निवेशकों को निराश किया। 2021 की बात करें तो आईपीओ (Initial Public Offer) के जरिए कंपनियों ने करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। कुछ लोग इससे खूब पैसे कमा रहे हैं तो कुछ लोग आईपीओ में निवेश (IPO Investment) कर के अपने हाथ जला बैठे हैं।
IPO Investing Tips: IPO में पैसे लगाते वक्त ना करें ये 5 गलतियां, फायदा होना तो दूर की बात है आपके पैसे तक डूब सकते हैं
1- भेड़ चाल ना चलें, रिसर्च करें
अगर आप भी किसी आईपीओ में पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपको उस कंपनी के बारे में रिसर्च करने की जरूरत है। आपको गहराई से रिसर्च करनी चाहिए, ताकि आपको कोई नुकसान ना हो। जब आप किसी कंपनी के बारे में रिसर्च करें तो सिर्फ उनके पुराने रेकॉर्ड ना देखें, जैसे कंपनी की वित्तीय हालत, इंडस्ट्री एनालिसिस आदि। रिसर्च करते वक्त आपको कंपनी के भविष्य और ग्रोथ के रोडमैप को भी देखना चाहिए।
2- बिजनस मॉडल जाने बिना पैसे निवेश ना करें
आपको किसी भी कंपनी में बिना उसका बिजनस मॉडल जाने निवेश नहीं करना चाहिए। कोई कंपनी नई हो या फिर पुरानी, हर किसी को अच्छा बिजनस करने के लिए एक शानदार बिजनस मॉडल चाहिए होता है। कंपनी के बिजनस को समझें, उसके टारगेट ऑडिएंस को समझें और साथ ही कंपनी की आगे की प्लानिंग को समझें। अगर आपको बिजनस मॉडल का आइडिया होगा, तभी आप समझ पाएंगे कि वह बिजनस भविष्य में फायदे का सौदा साबित होगा या नहीं।
3- आईपीओ के वैल्युएशन को नजरअंदाज ना करें
किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले उसके वैल्युएशन को अच्छे से समझें और परखें। किसी कंपनी का वैल्युएशन उसके कैश फ्लो, शेयर मार्केट ट्रेंड, पुरानी वित्तीय स्थिति, उसी कैटेगरी की कंपनी के प्रदर्शन की तुलना आदि के जरिए निकाला जाता है। अधिक वैल्युएशन का मतलब है कि कंपनी की डिमांड अधिक है, लेकिन सिर्फ वैल्युएशन को देखकर अपना फैसला ना लें। अधिक वैल्युएशन के बावजूद निवेशकों को भारी नुकसान होने के कई उदाहरण पहले भी देखे जा चुके हैं, जैसे पेटीएम और एलआईसी, जो दोनों ही अपने वक्त के सबसे बड़े आईपीओ थे।
4- गिरते बाजार में निवेश करने से बचें
अगर पूरा बाजार गिर रहा है तो ऐसे वक्त में किसी आईपीओ में निवेश करने से पहले और अधिक रिसर्च करने की जरूरत होगी। आपको निवेश करते वक्त अधिक सजग रहने की जरूरत है। अगर इंडस्ट्री के जानकार मानते हैं कि आने वाले दिनों में भी यह गिरावट जारी रहेगी, तो आपको ऐसे वक्त में किसी आईपीओ में निवेश करने से बचना चाहिए। ऐसे मौकों पर पूरी आशंका है कि आईपीओ में निवेश से आपको नुकसान हो।
5- सिर्फ लिस्टिंग डे पर फायदा कमाने के चक्कर में ना पड़ें
आमतौर पर देखा जाए तो अधिकतर लोग यही सोचकर आईपीओ में पैसे लगाते हैं कि लिस्टिंग डे पर वह शेयर बेचकर तगड़ा रिटर्न कमा सकते हैं। हालांकि, यह देखा गया है कि लिस्टिंग डे पर अधिक मांग के चलते कंपनी के शेयर की कीमत में करेक्शन देखने को मिलता है। ऐसे में अगर आप भी सिर्फ लिस्टिंग डे के चक्कर में आईपीओ में पैसे लगा रहे हैं तो आप गलती कर रहे हैं। यह सुझाव है कि लिस्टिंग डे के बजाय कुछ दिन रुककर शेयर बेचें।
LIC IPO: इस मेगा आईपीओ में निवेश करने से पहले इन 10 रिस्क फैक्टर के बारे में भी जानें
LIC IPO Updates: कोरोना के कारण लाखों लोगों की जान गई है. ऐसे में देश के सबसे बड़े इंश्योरर को बड़े पैमाने पर डेथ क्लेम का फायदा देना पड़ा है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Feb 15, 2022 | 12:52 PM
देश के सबसे बड़े आईपीओ को लेकर सेबी के सामने दस्तावेज जमा किया जा चुका है. एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) की चर्चा चारों तरफ है. इस आईपीओ में पॉलिसी होल्डर्स को स्पेशल रिजर्वेशन दिया गया है. सरकार भी इस आईपीओ के मेगा सक्सेस के लिए रिटेल निवेशकों के साथ-साथ ग्लोबल इंवेस्टर्स से लगातार अपील कर रही है. बाजार भी इस आईपीओ का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि सरकार लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (Life Insurance Corporation) में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. माना जा रहा है कि यह आईपीओ 60-90 हजार करोड़ रुपए के बीच होगा. अगर आप भी इस आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं तो किसी तरह के रिस्क फैक्टर को भी समझना जरूरी है. आइए इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.
सेबी के पास जमा आईपीओ दस्तावेज (DRHP) में कई तरह के रिस्क फैक्टर्स का भी जिक्र किया गया है. यह रिस्क इंश्योरेंस बिजनेस से जुड़ा हुआ है. इनमें कुछ इंटर्नल रिस्क हैं तो कुछ एक्सटर्नल रिस्क हैं. पहले इंटर्नल रिस्क फैक्टर के बारे में जानकारी हासिल करते हैं.
IPO in Hindi – आईपीओ क्या है ,आईपीओ में कैसे करें निवेश?
IPO (Initial Public Offering) में निवेश कर मुनाफ़ा कमाना किसे पसंद नहीं है. पर क्या हम सही आईपीओ में अपने पैसे को निवेश कर रहे है ? इस बात को समझना ज्यादा जरूरी है. अक्सर कम्पनियाँ अपना आईपीओ जारी कर पैसा जुटाने का प्रयास करती हैं ताकि मुनाफ़ा कमा सकें या फिर कंपनी को जब अतिरिक्त पूँजी की आवश्यकता होती है तो वह अपना IPO जारी करती है.
कई बार सरकार विनिवेश की नीति के तहत भी आईपीओ लाती है. ऐसे में किसी सरकारी कंपनी में कुछ हिस्सेदारी शेयरों के जरिए लोगों को बेची जाती है. इसलिए अपना पैसा किसी भी कंपनी के IPO में निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें.
IPO क्या है What is IPO
IPO के जरिए कंपनियां अपनी पूँजी जुटाती हैं. आईपीओ का मतलब होता है इनिशियल पब्लिक ऑफर. आईपीओ को पब्लिक इशू भी कहते हैं. Initial Public Offering जब भी कंपनियां अपने कॉमन स्टॉक या शेयर पहली बार बाजार में जनता के लिए जारी करती हैं. तो उसे IPO लाना कहा जाता है. किसी भी कंपनी द्वारा जारी आईपीओ में निवेश करने के पहले उसे कंपनी की पूरी जानकारी ले कर ही अपना पैसा निवेश करना चाहिए ताकि IPO के जरिये आप पैसा कमा सकें.
क्यों लाती है कम्पनी आईपीओ
IPO अक्सर नई कंपनियों द्वारा अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के लिए जारी किया जाता है. जब किस कंपनी के पास पैसों की कमी हो तो अक्सर वो कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO के माध्यम से पैसा जुटाना का प्रयास करती हैं.
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ऐसे करें आईपीओ में निवेश
हमेशा मुनाफ़ा घाटे के साथ और घाटा मुनाफ़े के साथ जुड़ा होता है. इसलिए आईपीओ में निवेश करने से पहले किसी अच्छे कर सलाहकार से या सालों से आईपीओ का काम देखने वाले ब्रोकर की सलाह के बाद जिस कम्पनी को आप निवेश के लिए चुन रहे हों, उसकी तुलना अन्य आईपीओ लाने वाली कम्पनियों से कर लें. साथ ही IPO की कीमत और कंपनी की भी पूरी जानकारी लेने के बाद ही निवेश करें.
IPO में निवेश का फायदा
आईपीओ में निवेशक की तरफ से लगाई गई पूंजी सीधे कंपनी के पास जाती है. वैसे सही मायने में तो विनिवेश के मामले में IPO से हासिल रकम सरकार के पास जाती है, जब इन शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाती है तो शेयर की खरीद और बेच से होने वाला नुकसान और मुनाफा उस शेयर धारक को मिलता है.
आईपीओ और निवेश
आईपीओ में निवेश नुकसान का सौदा भी हो सकता है क्योंकि जब कोई भी कंपनी अपना IPO बाजार में जारी करती है तो उस कंपनी के IPO में निवेश करने वाले के पास कंपनी के पर्याप्त आंकड़े नहीं होते हैं और अक्सर कम्पनियां जब अस्थिरता के दौर से गुजरती हैं, उस दौरान कम्पनी IPO जारी करती हैं ताकि बाजार में बने रहें. ऐसे में बिना आकड़ों के किसी निवेशक के लिए यह तय करना कठिन होता है कि उस कंपनी का शेयर भविष्य में फायदेमंद होगा या नहीं.
कैसे तय होती है कीमत
कोई भी कंपनी का IPO फिक्स्ड प्राइस या बुक बिल्डिंग इन दो तरीकों से पूरा हो सकता है। फिक्स्ड प्राइस में जिस कीमत पर शेयर पेश किए जाते हैं, वह पहले से तय होती है और बुक बिल्डिंग प्रक्रिया में शेयरों के लिए कीमत का दायरा तय होता है, जिसके लिए निवेशकों को अपनी बोली लगानी होती है। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।
सेबी और आईपीओ
SEBI आईपीओ लाने वाली कंपनियों के लिए एक सरकारी नियामक है. यह IPO लाने वाली कंपनी से नियमों का कड़ाई से पालन करवाती हैं. इसलिए कम्पनी हर तरह की जानकारी SEBI को देने के लिए बाध्य होती हैं.
कंपनी द्वारा सेबी को दी गयी जानकारियों की और कम्पनी की सेबी जाँच करवाती है ताकि निवेशको के हितों की और उसके पैसों की रक्षा हो सके. सेबी के नियम सख्त होने की वजह से ही निवेशक IPO में पैसा लगाते हैं. निवेशको के हितों की रक्षा के लिए समय-समय पर इसके नियम बदलते रहते हैं.
LIC IPO: PAN-पॉलिसी लिंक न कर पाए तो क्या करें?पॉलिसी धारकों के लिए 5 काम की बात
LIC IPO: देशभर में एलआईसी के करीब 30 करोड़ पॉलिसीहोल्डर्स हैं.
LIC IPO: काफी लंबे इंतजार के बाद LIC का आईपीओ आखिरकार 4 मई को खुलने जा रहा है. इश्यू 9 मार्च को बंद होगा. ये भारत का अब तक सबसे बड़ा आईपीओ होगा. LIC की देश के कोने-कोने तक पहुंच है. देशभर में एलआईसी के करीब 30 करोड़ पॉलिसीहोल्डर्स हैं.
सरकार ने एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स को ध्यान में रखते हुए आईपीओ में उनके लिए खास डिस्काउंट का प्रावधान किया है. कंपनी ने पॉलिसी होल्डर केटेगरी के अंतर्गत कुल इश्यू का 10% हिस्सा केवल पॉलिसी धारकों के लिए रिजर्व रखा है.
ऐसे में अगर आप भी एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर हैं और एलआईसी के आईपीओ में निवेश की सोच रहे हैं, तो पहले अपने काम की सारे बातें जान लीजिए-
IPO में पॉलिसीधारकों को कितना डिस्काउंट मिलेगा?
एलआईसी के पॉलिसीधारकों को हर इक्विटी शेयर पर ₹60 का डिस्काउंट मिलेगा. हालांकि, केवल वही पॉलिसीहोल्डर इस छूट के पात्र होंगे जिन्होंने 13 अप्रैल 2022 को या उससे पहले अपनी पॉलिसी खरीदी हुई थी. पॉलिसीहोल्डर्स के लिए कंपनी ने इश्यू का 10% हिस्सा रिजर्व किया है.
LIC IPO: सरकार को क्यों घटाना पड़ा आईपीओ का साइज और वैल्यूएशन?
आईपीओ में प्राइस बैंड ₹902-949 प्रति इक्विटी शेयर तय किया गया है. निवेशक कम से कम 15 इक्विटी शेयर या 1 लॉट के लिए और उसके बाद 15 के मल्टीप्ल में बोली लगा सकेंगे.
आप किसी एक कोटा के अंदर 2 लाख रूपये (डिस्काउंट के बाद) से ज्यादा की बोली नहीं लगा सकते. अगर आप रिटेल निवेशक है और आपके पास एलआईसी की पॉलिसी भी है तो आप दोनों कोटा से अधिकतम 2-2 लाख की बोली लगा सकते हैं.
क्या आपको भी मिलेगा पॉलिसीधारकों को मिलने वाला फायदा?
पॉलिसीधारकों को मिलने वाला फायदे का लाभ उठाने के लिए ये जरूरी है कि आपने अपने पॉलिसी को पैन कार्ड के साथ जोड़ रखा है. ऐसा करने की आखिरी तारीख 28 फरवरी थी. इसे दोबारा बढ़ाया नहीं गया है.
एलआईसी ने ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस में बताया है कि वैसे सभी पॉलिसीधारक जिन्होंने 28 फरवरी से पहले अपने पॉलिसी के साथ पैन अपडेट नहीं किया है, उन्हें योग्य पॉलिसीहोल्डर नहीं माना जाएगा.
लेकिन अगर आपने 28 फरवरी की समय सीमा तक अपनी पॉलिसी को पैन से लिंक नहीं किया है, तो संभावना है कि आपने पॉलिसी खरीदते समय अपना पैन प्रदान किया हो. एजेंटों का कहना है कि वे ज्यादातर मामलों में पैन जमा करते हैं, खासकर अगर प्रीमियम 50,000 रुपये से अधिक हो.